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टूटेगा हाउसिंग बोर्ड का जर्जर फ्लैट, आवंटियों को नया भवन बनाकर देने में जुटी सरकार

झारखंड हाउसिंग बोर्ड ने जर्जर 5200 भवनों को तोड़ने का फैसला लिया है. इस बाबत आवंटियों को घर खाली करने का नोटिस भेजा गया है. नए सिरे से फ्लैट बनाकर फिर से उन्हें दिया जाएगा.

Jharkhand Housing Board
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Published : Aug 19, 2023, 3:19 PM IST

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रांची: हाउसिंग बोर्ड के जर्जर भवन में लंबे समय से डर के साये में रह रहे लोगों के लिए हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में संयुक्त बिहार के समय बने आवासों और फ्लैटों को तोड़कर नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया गया है. इन फ्लैटों के निर्माण कार्य पूर्ण होने तक आवंटियों को हाउसिंग बोर्ड सरकारी दर पर निर्धारित मकान किराया भी देगा, जिससे उन्हें कोई परेशानी ना हो.

ये भी पढ़ें- आवास बोर्ड के नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप, क्या अतिक्रमणमुक्त हो पाएगी जमीन और फ्लैट

हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान का मानना है कि ये भवन अब रहने लायक नहीं है. ऐसे में हरवक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो इसको ध्यान में रखकर फ्लैट खाली कराए जा रहे हैं. इन जर्जर भवन को तोड़कर नये सिरे से बिल्डिंग बनाए जायेंगे. तबतक उन्हें सरकार रहने के लिए किराया भी देगी.

करीब 5200 फ्लैट तोड़े जायेंगे: हाउसिंग बोर्ड ने पुराने एवं जर्जर हो चुके फ्लैट और बिल्डिंग को तोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके तहत रांची सहित विभिन्न जिलों में स्थित करीब 5200 फ्लैट तोड़े जाएंगे. इसके लिए इन फ्लैटों में रह रहे आवंटियों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. जिन शहरों में हाउसिंग बोर्ड अपने जर्जर हो चुके फ्लैट को नए सिरे से बनाने की तैयारी में है उसमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और पलामू शामिल है.

जुडको को बिल्डिंग बनाने की मिली जिम्मेदारी: फ्लैट बनाने का जिम्मा जुडको को दिया गया है. जुडको इसको लेकर डीपीआर तैयार करने में जुट गई है. जल्द ही जुडको के द्वारा प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इधर इस फ्लैट में लंबे समय से रह रहे लोगों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. हाउसिंग बोर्ड के इस जर्जर भवन में रह रहे हैं अभिषेक राज बताते हैं कि किस तरह से बरसात के समय टूटे-फूटे इस घर में रहने में परेशानी होती है और हर वक्त डर लगता रहता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ऐसे बिल्डिंग को नये सीरे से बनाकर लोगों को आवंटित करे.

मकान खाली करने के लिए आए नोटिस को सही बताते हुए आवंटी अभय सिंह कहते हैं कि सरकार का यह कदम सही है. यदि आवंटी को नया मकान बनाकर दे दिया जाता है और घर बनने तक किराया दिया जाता है तो किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. सरकार के इस निर्णय से हाउसिंग बोर्ड को दोहरा लाभ मिलने की उम्मीद है. एक तो अवैध कब्जाधारियों से बोर्ड को मुक्ति मिलेगी वहीं नये बिल्डिंग बनने से उन्हें बेचने में सहुलियत होगी.

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रांची: हाउसिंग बोर्ड के जर्जर भवन में लंबे समय से डर के साये में रह रहे लोगों के लिए हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में संयुक्त बिहार के समय बने आवासों और फ्लैटों को तोड़कर नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया गया है. इन फ्लैटों के निर्माण कार्य पूर्ण होने तक आवंटियों को हाउसिंग बोर्ड सरकारी दर पर निर्धारित मकान किराया भी देगा, जिससे उन्हें कोई परेशानी ना हो.

ये भी पढ़ें- आवास बोर्ड के नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप, क्या अतिक्रमणमुक्त हो पाएगी जमीन और फ्लैट

हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान का मानना है कि ये भवन अब रहने लायक नहीं है. ऐसे में हरवक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो इसको ध्यान में रखकर फ्लैट खाली कराए जा रहे हैं. इन जर्जर भवन को तोड़कर नये सिरे से बिल्डिंग बनाए जायेंगे. तबतक उन्हें सरकार रहने के लिए किराया भी देगी.

करीब 5200 फ्लैट तोड़े जायेंगे: हाउसिंग बोर्ड ने पुराने एवं जर्जर हो चुके फ्लैट और बिल्डिंग को तोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके तहत रांची सहित विभिन्न जिलों में स्थित करीब 5200 फ्लैट तोड़े जाएंगे. इसके लिए इन फ्लैटों में रह रहे आवंटियों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. जिन शहरों में हाउसिंग बोर्ड अपने जर्जर हो चुके फ्लैट को नए सिरे से बनाने की तैयारी में है उसमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और पलामू शामिल है.

जुडको को बिल्डिंग बनाने की मिली जिम्मेदारी: फ्लैट बनाने का जिम्मा जुडको को दिया गया है. जुडको इसको लेकर डीपीआर तैयार करने में जुट गई है. जल्द ही जुडको के द्वारा प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इधर इस फ्लैट में लंबे समय से रह रहे लोगों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. हाउसिंग बोर्ड के इस जर्जर भवन में रह रहे हैं अभिषेक राज बताते हैं कि किस तरह से बरसात के समय टूटे-फूटे इस घर में रहने में परेशानी होती है और हर वक्त डर लगता रहता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ऐसे बिल्डिंग को नये सीरे से बनाकर लोगों को आवंटित करे.

मकान खाली करने के लिए आए नोटिस को सही बताते हुए आवंटी अभय सिंह कहते हैं कि सरकार का यह कदम सही है. यदि आवंटी को नया मकान बनाकर दे दिया जाता है और घर बनने तक किराया दिया जाता है तो किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. सरकार के इस निर्णय से हाउसिंग बोर्ड को दोहरा लाभ मिलने की उम्मीद है. एक तो अवैध कब्जाधारियों से बोर्ड को मुक्ति मिलेगी वहीं नये बिल्डिंग बनने से उन्हें बेचने में सहुलियत होगी.

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