रांची: ओलंपिक में हर खिलाड़ियों का पदक जीतने का सपना होता है और इस सपने को साकार करने के लिए खिलाड़ी जी तोड़ मेहनत भी करते हैं. झारखंड के कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के बल पर अपने सपने को पूरा किया है और विश्व पटल पर देश और अपना नाम रोशन किया है. हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह ने टोक्यो ओलंपिक में खेल रहे अपने झारखंड की तीन बेटियों को शुभकामनाएं दी हैं, साथ ही उन्होंने कहा है कि इन खिलाड़ियों पर पूरे देश को भरोसा है कि इस बार वह गोल्ड लेकर ही वापस लौटेंगी.
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झारखंड की तीन बेटियों पर भरोसा
टोक्यो ओलंपिक में खेल रहे झारखंड की तीन बेटियों से पदक लाने की उम्मीद है. इन तीन बेटियों में आर्चरी में विश्व की नंबर वन तीरंदाज दीपिका कुमारी, भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल निक्की प्रधान और सलीमा टेटे का नाम शामिल है. विपरीत परिस्थितियों के साथ इन तीनों ने अपने आप को साबित किया है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में जन्मे इन खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और काबिलियत की बदौलत विश्व पटल पर अपना नाम रोशन किया है.
नहीं दोहराएंगे रियो ओलंपिक की गलती
हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह की मानें तो विश्व की नंबर एक तीरंदाज दीपिका ने पूरे विश्व को अपने प्रदर्शन से चौंका दिया है. विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में ही उन्होंने यह बता दिया है कि इस बार मेडल के दावेदारों की सूची में भारत का नाम सबसे आगे है. दूसरी और भारतीय महिला हॉकी टीम भी पूरे फॉर्म में चल रही है. इस टीम से टोक्यो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. भोलानाथ सिंह के मुताबिक सलीमा टेटे, निक्की प्रधान के अलावे पूरे भारतीय महिला हॉकी टीम बेहतर लय में है. वहीं पुरुष टीम तो लगातार बेहतर प्रदर्शन भी कर रही है. झारखंड की इन दोनों बेटियों पर झारखंड को पूरा भरोसा है. भोला सिंह ने बताया कि जो गलती रियो ओलंपिक में हुई है, उन गलतियों को भुलाकर टोक्यो ओलंपिक में मेडल पर गोल दागने की तैयारी इन दोनों हॉकी खिलाड़ियों ने भी की है.
भोला नाथ सिंह भी जाएंगे टोक्यो
हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह भी टोक्यो ओलंपिक के लिए रवाना हो रहे हैं. इसी बीच उन्होंने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान यह भी कहा कि दोनों खिलाड़ी पूरी तरह तैयार हैं. आशा ही नहीं बल्कि भरोसा भी है कि इस बार झारखंड के ये तीनों खिलाड़ी मेडल लेकर ही वापस वापस लौटेंगी. उनके मुताबिक महिला हॉकी टीम की रैंकिंग भी सही है और पूरी टीम फॉर्म में भी चल रही है.
झारखंड का स्वर्णिम इतिहास
बता दें कि हॉकी में भारत को सबसे पहला गोल्ड दिलाने वाले जयपाल सिंह मुंडा थे. 1928 में इन्होंने ओलंपिक का पहला गोल्ड हासिल किया फिर मास्को ओलंपिक में 1980 में सिलवानुस डुंगडुंग ने देश को गोल्ड दिलाकर झारखंड का नाम रौशन किया था.