रांचीः झारखंड के तीन विश्वविद्यालयों में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक रजिस्ट्रार की नियुक्ति की गई. इस नियुक्ति में हुई अनियमितता को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद तत्काल नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही झारखंड लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि नियुक्ति से संबंधित सभी मूल दस्तावेज 4 सप्ताह के भीतर अदालत में पेश करें.
यह भी पढ़ेंःजेपीएससी पर विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप, हाईकोर्ट में याचिका दायर
झारखंड लोक सेवा आयोग ने रांची के श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय और नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार नियुक्त किया. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में तीनों विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रजिस्ट्रार की नियुक्ति मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ताओं अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
सहायक रजिस्ट्रार नियुक्ति मामला
याचिकाकर्ता विशाल कुमार की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि तीनों विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की. अधिवक्ता ने अदालत को यह भी बताया कि सहायक रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा. प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरा करना था, लेकिन प्रद्युम्न सिंह लखावत का नाम बिना साक्षात्कार दिए मेरिट लिस्ट में आ गया. याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद अदालत ने तत्काल नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
बिना साक्षात्कार के अभ्यर्थी चयनित
बता दें कि जेपीएससी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रजिस्ट्रार की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला गया था. इस विज्ञापन के आधार पर अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की जांच और साक्षात्कार लिया गया, लेकिन जेपीएससी ने बिना साक्षात्कार में बैठे अभ्यर्थी का नाम नियुक्ति के लिए अनुशंसा कर दिया. इस नियुक्ति के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.