रांची: बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय कोयलांचल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची में रजिस्ट्रार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा जवाब के लिए समय की मांग की गई. अदालत ने उन्हें जवाब के लिए अंतिम मौका देते हुए 10 दिन में जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही अदालत ने जेपीएससी को चेतावनी देते हुए कहा है कि, 10 दिन के अंदर अगर जवाब पेश नहीं किया गया, तो 25 हजार जुर्माना देना होगा.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव की अदालत में विश्वविद्यालय में रजिस्टार की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल और सरकारी अधिवक्ता, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद लोक सेवा आयोग को चेतावनी देते हुए अंतिम मौका दिया है. अदालत ने उन्हें 10 दिन के अंदर जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही उन्होंने कहा है कि समय सीमा के अंदर अगर जवाब पेश नहीं किया गया तो इसके लिए उन्हें 25 हजार की जुर्माना राशि जमा करनी होगी, जिसपर जेपीएससी ने समय से जवाब पेश करने की बात कही, साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण काफी परेशानी हुई है, इसलिए जवाब पेश नहीं की जा सकी है.
2020 में जेपीएससी ने निकाला विज्ञापन
बता दें कि विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए 2020 में जेपीएससी ने विज्ञापन निकाला था. 2021 में साक्षात्कार लिया गया है. साक्षात्कार में डॉ नकुल प्रसाद को नहीं बुलाया गया, जिस पर डॉ नकुल प्रसाद ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी को जवाब पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद जेपीएससी के द्वारा अभी तक जवाब पेश नहीं किया जा सका, जिस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें अंतिम मौका देते हुए जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.