रांचीः राजधानी में तालाबों की घटती संख्या पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. जवाब में उन्हें यह बताने को कहा है कि राजधानी में वर्ष 1929 के सर्वे के अनुसार कितने तालाब और डैम का जल क्षेत्र था? वर्तमान में कितना जल क्षेत्र बचा हुआ है? कितने पर अतिक्रमण किया गया? कितने तालाब बचे हुए हैं? अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के पेयजल स्वच्छता सचिव, नगर विकास सचिव और आरएमसी के आयुक्त को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.
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नगर निगम के जवाब पर कड़ी नाराजगी
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के जल क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से जवाब पेश किया गया. अदालत ने राज्य सरकार और नगर निगम के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए फिर से जवाब पेश करने को कहा है. इसके साथ ही अगली सुनवाई में नगर विकास सचिव, पेयजल स्वच्छता सचिव और रांची नगर निगम के आयुक्त को भी हाजिर रहने को कहा है. ताकि अदालत की ओर से पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब मिल सके.
हाई कोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार और रांची नगर निगम को मामले में जवाब पेश करने को कहा था. उसी आदेश के आलोक में राज्य सरकार और नगर निगम की ओर से जवाब पेश किया गया था. सरकार और नगर निगम के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि जताते हुए फिर से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.