रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने पतंजलि योगपीठ को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में छोटानागपुर लॉ कॉलेज की ओर से हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के उपरांत अदालत में पतंजलि योगपीठ को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा है.
छोटानागपुर लॉ कॉलेज की ओर से सरकार को जमीन देने के लिए दिए गए आवेदन की अनदेखी कर पतंजलि योगपीठ को जमीन दिए जाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर गुरुवार को अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एस पति ने बताया कि लॉ कॉलेज में पाठ्यक्रम के विस्तार को देखते हुए कैंपस के बगल वाली सरकारी जमीन ढाई एकड़ सरकार से सरकारी राशि की दर से देने की मांग को लेकर आवेदन दिया था. वर्ष 2005 में उन्होंने आवेदन दिया था उनके आवेदन पर सरकार द्वारा किसी भी तरह का कोई विचार नहीं किया गया. उसके 3 वर्ष बाद राज्य सरकार ने पतंजलि को 15 एकड़ जमीन लॉ कॉलेज के बगल की बाउंड्री की ही जमीन 1 रुपए प्रति एकड़ की दर से दी लेकिन लॉ कॉलेज को जमीन नहीं दी गई.
यह जमीन पतंजलि दिव्य योग मंदिर पतंजलि योगपीठ को अस्पताल बनाने के लिए दिया गया था, लेकिन अभी तक उनके द्वारा उस जमीन पर किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं कराया गया है. कॉलेज से जो सटी हुई जमीन है वह खाली है. सरकार अभी भी उस जमीन को लॉ कॉलेज को दे सकती है. याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के उपरांत अदालत ने पतंजलि योगपीठ को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
बता दें कि वर्ष 2002-03 में छोटानागपुर लॉ कॉलेज को सरकार ने नामकुम में स्थानांतरित किया था. राज्य सरकार ने कॉलेज को 4 एकड़ जमीन 60 लाख रुपए में दिया था. बाद में कॉलेज में पाठ्यक्रम को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने राज्य सरकार से ढाई डिसमिल और जमीन की मांग की थी इसके लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा उस आवेदन पर किसी भी प्रकार का कोई विचार ना करके कॉलेज परिसर से सटी हुई जमीन पतंजलि को दे दी थी. उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने राज्य सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है उसी याचिका पर सुनवाई हुई.