ETV Bharat / state

सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो अब लड़ सकेंगे चुनाव, हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बदला - Jharkhand news

सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट ने सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी के साथ मारपीट करने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में सजा को कम कर के एक साल कर दिया है.

former Silli MLA Amit Mahto
former Silli MLA Amit Mahto
author img

By

Published : May 2, 2023, 3:38 PM IST

रांची: सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बदल दिया है. हाई कोर्ट ने दो साल की सजा को एक साल की सजा में कंवर्ट कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही अमित महतो अब राज्य में किसी भी अनारक्षित सीट से चुनाव लड़ने के योग्य बन गये हैं. अब तक वह निलंबित विधायक की श्रेणी में थे, लेकिन कोर्ट के फैसले के साथ ही अब पूर्व विधायक की श्रेणी में आ जाएंगे. दरअसल, अमित महतो समेत अन्य ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार ने सजा बढ़ाने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें: 1932 खतियान के लिए 21 किमी दौड़े पूर्व विधायक अमित महतो, कहा- राज्य की हर कुर्सी पर चाहिए झारखंडी

क्यों चली गई थी सदस्यता: मार्च 2018 में रांची की निचली अदालत ने अमित महतो को दो साल की सजा सुनाई थी. तब वह सिल्ली से झामुमो के विधायक थे. उनपर 45-45 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा था. उन पर जून 2006 में सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी के साथ मारपीट, गाली-गलौज और सरकारी कामकाज में बाधा डालने का दोषी पाया गया था. उस मामले में अमित महतो के अलावा सात अन्य को भी दोषी ठहराते हुए सजा सुनवाई गई थी. हालांकि उसी वक्त अमित महतो को जमानत भी मिल गई थी. उनकी सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी ने सिल्ली से उपचुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से हार गई थीं.

खास बात है कि झामुमो में अमित महतो का कद बढ़ चुका था, लेकिन फरवरी 2022 में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर झामुमो की प्राथमिक सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि सरकार खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति को लेकर कुछ नहीं कर रही है. अब देखना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अमित महतो किस पार्टी का दामन थामते हैं.

रांची: सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बदल दिया है. हाई कोर्ट ने दो साल की सजा को एक साल की सजा में कंवर्ट कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही अमित महतो अब राज्य में किसी भी अनारक्षित सीट से चुनाव लड़ने के योग्य बन गये हैं. अब तक वह निलंबित विधायक की श्रेणी में थे, लेकिन कोर्ट के फैसले के साथ ही अब पूर्व विधायक की श्रेणी में आ जाएंगे. दरअसल, अमित महतो समेत अन्य ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार ने सजा बढ़ाने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें: 1932 खतियान के लिए 21 किमी दौड़े पूर्व विधायक अमित महतो, कहा- राज्य की हर कुर्सी पर चाहिए झारखंडी

क्यों चली गई थी सदस्यता: मार्च 2018 में रांची की निचली अदालत ने अमित महतो को दो साल की सजा सुनाई थी. तब वह सिल्ली से झामुमो के विधायक थे. उनपर 45-45 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा था. उन पर जून 2006 में सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी के साथ मारपीट, गाली-गलौज और सरकारी कामकाज में बाधा डालने का दोषी पाया गया था. उस मामले में अमित महतो के अलावा सात अन्य को भी दोषी ठहराते हुए सजा सुनवाई गई थी. हालांकि उसी वक्त अमित महतो को जमानत भी मिल गई थी. उनकी सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी ने सिल्ली से उपचुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से हार गई थीं.

खास बात है कि झामुमो में अमित महतो का कद बढ़ चुका था, लेकिन फरवरी 2022 में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर झामुमो की प्राथमिक सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि सरकार खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति को लेकर कुछ नहीं कर रही है. अब देखना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अमित महतो किस पार्टी का दामन थामते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.