रांची: राज्य सरकार सेल टैक्स (कॉमर्शियल) विभाग में 32 वर्ष की नौकरी के पश्चात रिटायरमेंट के बाद सेवानिवृत्ति लाभ देने के बजाय सरकार कह रही है कि नियुक्ति ही गलत है. इसी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को 15 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है. यह बताने को कहा है कि इतने दिन नौकरी करने के बाद जब सेवानिवृत्त हुए तब उनकी नियुक्ति अवैध कैसे हुई.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सेल टैक्स (कमर्शियल) विभाग जमशेदपुर में क्लर्क के पद पर नौकरी कर रहे सुरेंद्र चौधरी की सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य लाभ को लेकर दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से पूछा है कि वे बताएं कि इतने दिन के नौकरी करने के पश्चात सेवानिवृत्त हो जाने के बाद सरकार यह कैसे कह रही है कि इनका नियुक्ति ही गलत है. अगर नियुक्ति गलत थी तो पहले कार्रवाई क्यूं नहीं की गई. इतने दिन पहले सरकार को क्यूं नहीं पता चला कि उनकी नियुक्ति गलत है. इन सभी बिंदुओं पर जवाब पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उन्होंने 1980 से इस विभाग में काम करते हुए 2013 में जमशेदपुर सेल टैक्स विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्हें एसीपी और एमसीपी का भी लाभ नहीं मिला है. उसे वह सभी लाभ मिलनी चाहिए.
और पढ़ें- शिक्षा मंत्री ने बुलाई निजी स्कूल एसोसिएशन और अभिभावक संघ की बैठक, फीस पर फैसले की उम्मीद
बता दें कि याचिकाकर्ता सुरेंद्र चौधरी ने बकाए लाभ की मांग को लेकर हाई कोर्ट ने याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.