रांची: झारखंड हाईकोर्ट में मॉब लिंचिंग के मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. अपना असंतोष जताते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 सप्ताह बाद की तारीख निर्धारित की है.
दरअसल झारखंड हाई कोर्ट में मॉब लिंचिंग से जुड़े 20 केस चल रहे हैं. जिसमे कई मामले पुलिसिया कार्रवाई के स्तर पर पेंडिंग हैं. ताजा मामला सरायकेला के तबरेज से जुड़ा है. इस घटना के बाद हुए प्रदर्शन से रांची अशांत हो गई थी. इन्ही मामलों पर झाररखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें सरकार की तरफ से विभिन्न केसों से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी.
कोर्ट ने क्या कहा
मामले की सुनवाई के दौरान 28 दिसम्बर, 2000 में हुए हटिया डीएसपी मर्डर मामले का भी जिक्र हुआ. इस मौके पर अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि उस हत्या मामले में भी पुलिस दोषी को सजा नहीं दिला पाई थी और इस बार के राजेंद्र चौक पर हुए बस हमले में भी पुलिस सबूत नहीं जुटा पा रही. जबकि इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. इस तर्क पर सहमति जताते हुए अदालत ने अधिवक्ता को कहा कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए पुलिस की मदद करनी चाहिए.