रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन (Code of Conduct Violation) के मामले में दर्ज एफआईआर को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है (Jharkhand High Court quashes FIR against CM). यह एफआईआर रांची के अरगोड़ा थाना में साल 2019 में दर्ज की गई थी. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश से हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राजनीति से प्रेरित होकर उन पर यह एफआईआर दर्ज करवाया गया है, जो गलत है. इसलिए इस एफआईआर को रद्द कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सीएम खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान के दिन 6 मई 2019 को बूथ नंबर 388 (संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू) में हेमंत सोरेन अपनी पत्नी के साथ मतदान करने गये. हेमंत सोरेन अपने गले में पार्टी का पट्टा लटकाए हुए मतदान स्थल पर पहुंचे थे. इस मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने अरगोड़ा थाना में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जांच अधिकारी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोप को सही पाते हुए 2019 में ही चार्जशीट दाखिल कर दिया था. दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को समन जारी किया था.
सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत, अदालत ने रद्द की अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर
झारखंड हाई कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है. अदालत ने मामले को लेकर अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर रद्द कर दिया है (Jharkhand High Court quashes FIR against CM).
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन (Code of Conduct Violation) के मामले में दर्ज एफआईआर को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है (Jharkhand High Court quashes FIR against CM). यह एफआईआर रांची के अरगोड़ा थाना में साल 2019 में दर्ज की गई थी. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश से हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राजनीति से प्रेरित होकर उन पर यह एफआईआर दर्ज करवाया गया है, जो गलत है. इसलिए इस एफआईआर को रद्द कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सीएम खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान के दिन 6 मई 2019 को बूथ नंबर 388 (संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू) में हेमंत सोरेन अपनी पत्नी के साथ मतदान करने गये. हेमंत सोरेन अपने गले में पार्टी का पट्टा लटकाए हुए मतदान स्थल पर पहुंचे थे. इस मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने अरगोड़ा थाना में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जांच अधिकारी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोप को सही पाते हुए 2019 में ही चार्जशीट दाखिल कर दिया था. दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को समन जारी किया था.