रांचीः धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) की संदिग्ध हालात में मौत के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधिश डॉ. रवि रंजन ने नाराजगी व्यक्त की है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह न्यायपालिका पर हमला है. झारखंड की विधि व्यवस्था बदतर हो गई है. इससे अच्छा तो नागालैंड और अन्य राज्य हैं. सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि जानबूझकर हमला किया गया है.
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मुख्य न्यायाधीश ने किए कड़े सवाल
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि धनबाद एसएसपी संजीव कुमार भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधीश ने एसएसपी से पूछा कि अब आप बताइए कि क्या हुआ है. सीसीटीवी देखने से लगता है कि कोई आदमी आगे भी खड़ा था. ऑटो रिक्शा बीच सड़क से घूमकर धीमी रफ्तार में उस व्यक्ति के पास पहुंचा. उसके बाद वह व्यक्ति गिरा और बाईं तरफ गिरा, जबकि पीछे से धक्का लगने पर आदमी आगे की तरफ गिरता है. वह साइड में कैसे गिरा. यह तो एक बच्चा भी बता सकता है.
क्रूरतापूर्वक की गई हत्याः मुख्य न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि टैंपो में 2 लोग बैठे हुए थे. अदालत ने कहा कि यह क्रूरता पूर्वक की गई हत्या है. यह न्यायपालिका पर सीधा-सीधा हमला है. डीजीपी भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधिश ने उनसे कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. एक दिन पहले रांची में वकील की हत्या हुई. दूसरे दिन धनबाद में जज पर हमला किया गया. इस तरह से हमला किया गया कि लगे कि वह एक्सीडेंट है.
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साफ फुटेज के बाद भी जांच में देरी क्योंः हाई कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी से कहा कि इतनी अच्छी सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद जांच में इतनी देरी क्यों लग रही है. आपको जो जांच करनी चाहिए थी. वह नहीं कर रहे हैं. घटना के वक्त एक बाइक सवार गुजरते दिखा है. कोर्ट ने पूछा कि क्या आप मोटरसाइकिल वाले को मौका देना चाहते हैं. अदालत में फुटेज देखने के दौरान मोटरसाइकिल का नंबर स्पष्ट नहीं होने पर अदालत ने फिर से फुटेज प्ले कराया.
जांच की जिम्मेदारी दूसरी एजेंसी को दी जाए
मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने डीजीपी से पूछा कि चोट किस-किस तरफ लगी है. अगर दाहिने तरफ लगी है तो इसका साफ मतलब है कि दाहिने तरफ से प्रहार किया गया है. यह प्रोफेशनल का काम है. यह टेंपो से धक्का लगने का मामला नहीं हो सकता. इस मामले की जांच किसी दूसरी एजेंसी को दी जाए. जिससे कि यह स्पष्ट हो. कोर्ट ने पुलिस के जवाब पर काफी नाराजगी व्यक्त की.
पुलिस को फटकार
अदालत ने पुलिस के जवाब पर कहा कि पहले बोल रहे थे कि 06:45 में एफआईआर हुई. अब बोलते हैं 12:45 में एफआईआर की गई. इस तरह के जवाब पर क्या कहा जाए. ऐसे जांच कैसे सही तरीके से हो पाएगी. ऐसा जवाब अदालत में क्यों दिया जा रहा है. क्या यह लापरवाही नहीं है. कितने सीसीटीवी फुटेज आपके पास हैं. 15 तरीके के सीसीटीवी फुटेज जमा किया गया है. ऐसी घटना से राज्य के सभी न्यायिक पदाधिकारी डेमोरलाइज होंगे. यह बहुत ही शर्मनाक घटना है.
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एक साल में बढ़ गए अपराध, गैंग्स ऑफ वासेपुर की भी गूंज
अदालत ने कहा कि पिछले 1 साल से अपराध काफी बढ़ा है. पिछले 6 महीने में तो और भी बढ़ गए हैं. गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म की भी चर्चा की. हजारीबाग के एसपी पर हुए हमले के बारे में भी चर्चा की गई. मामले की जांच सीबीआई को दी जाए इस पर भी चर्चाएं हुईं. सरकार की ओर से एसआईटी गठित कर मामले की जांच की बात कही गई. अदालत ने माना कि यह जांच पुलिस से नहीं हो पाएगी. एफआईआर की मूल प्रति देखने के लिए भी अदालन ने मांगा.
पूरी रिपोर्ट मांगी
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि पहले बताइए कि किस वरीय अधिकारी से इस मामले की जांच करवा रहे हैं, ताकि हम आश्वस्त हों कि जांच सही तरीके से हो पाएगी या नहीं. इसके साथ ही कब सूचना मिली कब एफआईआर दर्ज की गई, जांच की अद्यतन स्थिति क्या है. मुख्य न्यायाधिश ने सारी रिपोर्ट टाइम टू टाइम कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया . सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया कि जब जरूरत हो तो सीबीआई मामले की जांच करने को तैयार है.
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सीबीआई से जांच की मांग
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने विकास कुमार ने सुनवाई के दौरान मामले की सीबीआई जांच की मांग की. बता दें कि धनबाद के सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद बुधवार की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जा रहे थे. तभी धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक टैंपो से टक्कर के बाद उनकी मौत हो गई. आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान उनपर हमला भी हुआ है. इसी मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की विस्तृत जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने को कहा है. साथ ही जांच रिपोर्ट भी टाइम टू टाइम अदालत में जमा करने को कहा है.
रंजय आनंद हत्याकांड की कर रहे थे सुनवाई
झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) चर्चित रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. कुछ दिन पहले ही शूटर अभिनव सिंह और रवि ठाकुर की जमानत याचिका उन्होंने खारिज कर दी थी. आशंका जताई जा रही है कि रंजय सिंह हत्याकांड मामले में ही उनकी हत्या की गई है.