रांची: भागे भागे देवघर से झारखंड हाई कोर्ट पहुंचे डीसी मंजूनाथ भजंत्री. दरअसल, याचिकाकर्ता ने जिस जमीन के सर्टिफिकेट की बात की थी उसका प्लॉट नंबर 117 था लेकिन उन्होंने अपने पिटीशन में प्लॉट नंबर 118 और 119 का जिक्र कर रखा था. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई आवेदन देता है तो उसका नंबर अंचल कार्यालय को रखना चाहिए. इस मामले में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नए सिरे से सही प्लॉट का जिक्र करते हुए आवेदन देने को कहा है.
देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री और मोहनपुर के सीओ शुक्रवार शाम को झारखंड हाई कोर्ट में हाजिर हुए और अपना पक्ष रखा. इससे पहले दोपहर को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री और मोहनपुर के सीओ को रात 8 बजे तक कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से कहा था कि अगर आज रात 8 बजे तक दोनों को कोर्ट में हाजिर नहीं कराया गया तो गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जाएगा.
यह मामला बैद्यनाथपुर मौजा के मोहनपुर सर्किल स्थित 3180 स्क्वायर फीट जमीन के पोजेशन सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है. याचिकाकर्ता सुनील कुमार शर्मा ने इस मामले को लेकर साल 2021 में रीट पिटीशन दायर किया था. इसमें रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रधान सचिव, रजिस्ट्रेशन विभाग के इंस्पेक्टर जनरल, देवघर से रजिस्ट्रार सह जिलाधिकारी, देवघर के जिला सब रजिस्ट्रार और सीओ को पार्टी बनाया गया था. सरकार की तरफ से अधिवक्ता दीपक कुमार दूबे ने बताया कि मामला लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है. उनका दावा है कि याचिकर्ता के रिट पिटिशन में लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट का जिक्र नहीं था. बाद में याचिकाकर्ता की तरफ से सप्लीमेंट्री फाइल की गई. उसी दौरान राज्य सरकार की ओर से काउंटर एफीडेविट फाइल कर याचिकाकर्ता को लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन देने को कहा गया था.
अब कोर्ट को देखना है कि याचिकाकर्ता की तरफ से आवेदन दिया गया था या नहीं. इसी वजह से कोर्ट ने मोहनपुर के सीओ को उस जमीन की रजिस्ट्री की रशीद और आवेदन की कॉपी लाने को कहा है, जिसके जमा करने के बावजूद लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट नहीं जारी किया गया.