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झारखंड हाईकोर्ट ने बोकारो स्टील के स्विमिंग पूल में छात्र की मौत पर 10 लाख मुआवजे का दिया आदेश - रांची न्यूज

झारखंड हाईकोर्ट ने बोकारो स्टील के स्विमिंग पूल में छात्र की मौत पर 10 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है. Compensation for drowning in BSL swimming pool.

Jharkhand High Court
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 9, 2023, 3:41 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने बीएसएल (बोकारो स्टील लिमिटेड) को कंपनी के स्विमिंग पूल में डूबने से छात्र की मौत के मामले में परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- मधु कोड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला: झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट की कार्रवाई पर लगाई रोक

चार साल पहले हुआ था हादसा: वर्ष 2019 में बोकारो के एक निजी स्कूल के छात्र की बीएसएल के स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गयी थी. छात्रों के परिजनों का आरोप था कि कंपनी की ओर से स्विमिंग पूल संचालित करने के लिए जरूरी मानकों का ध्यान नहीं रखा गया और न ही स्विमिंग पूल के पास लाइफ जैकेट रखा गया था. अगर जरूरी मानकों का ध्यान रखा गया होता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती.

हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कर दिया था खारिज: हालांकि, मामले को लेकर बीएसएल प्रबंधन ने अपनी गलती नहीं मानी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने पहले बोकारो में प्राथमिकी दर्ज करवायी और बाद में झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल की थी. लेकिन एकल पीठ ने इसे खारिज कर दिया था.

डबल बेंच ने मुआवजा देने का दिया आदेश: मृतक के पिता अरविंद कुमार सिन्हा ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सुनवाई के बाद छात्र के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश पारित किया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने बहस की.

इनपुट- आईएएनएस

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने बीएसएल (बोकारो स्टील लिमिटेड) को कंपनी के स्विमिंग पूल में डूबने से छात्र की मौत के मामले में परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

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चार साल पहले हुआ था हादसा: वर्ष 2019 में बोकारो के एक निजी स्कूल के छात्र की बीएसएल के स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गयी थी. छात्रों के परिजनों का आरोप था कि कंपनी की ओर से स्विमिंग पूल संचालित करने के लिए जरूरी मानकों का ध्यान नहीं रखा गया और न ही स्विमिंग पूल के पास लाइफ जैकेट रखा गया था. अगर जरूरी मानकों का ध्यान रखा गया होता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती.

हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कर दिया था खारिज: हालांकि, मामले को लेकर बीएसएल प्रबंधन ने अपनी गलती नहीं मानी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने पहले बोकारो में प्राथमिकी दर्ज करवायी और बाद में झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल की थी. लेकिन एकल पीठ ने इसे खारिज कर दिया था.

डबल बेंच ने मुआवजा देने का दिया आदेश: मृतक के पिता अरविंद कुमार सिन्हा ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सुनवाई के बाद छात्र के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश पारित किया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने बहस की.

इनपुट- आईएएनएस

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