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केंद्र ने जिसे दिया 42 लाख का ग्रांट, मिलते-जुलते नाम के दूसरे ट्रस्ट ने उठा ली रकम, अब होगी सीबीआई जांच - झारखंड हाईकोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश

केंद्र सरकार ने एक ट्रस्ट को 42 लाख रुपए का ग्रांट दिया था. मिलते जुलते नाम से ट्रस्ट बनाकर उस पैसे का गबन कर लिया गया. अब झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. मामला 20 साल पुराना है.

Jharkhand High Court
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 20, 2023, 9:47 PM IST

रांची: झारखंड के जमशेदपुर में एक शख्स ने स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट नामक संस्था के मिलते-जुलते नाम से दूसरा ट्रस्ट बनाकर फर्जी तरीके से केंद्र सरकार से 42 लाख रुपए का ग्रांट ले लिया. गबन का मामला 20 साल पुराना है, जिसकी जांच अब सीबीआई करेगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड हाईकोर्ट ने असिस्टेंट टाउन प्लानर्स की नियुक्ति के रिजल्ट पर रोक लगाई, 186 कैंडिडेट्स की उम्मीदवारी रद्द

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गयी थी. मामला वर्ष 2002-03 का है. जमशेदपुर में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से आदिवासी बालिकाओं के लिए हॉस्टल चलाया जा रहा था. इसके संचालन के लिए केंद्रीय जनजाति विकास विभाग (मंत्रालय) ट्रस्ट को पैसे देता था.

वर्ष 2002-03 में विभाग ने ट्रस्ट को 42 लाख रुपये आवंटित किए थे. लेकिन, ट्रस्ट के सचिव रहे सरोज दास ने साजिश रचकर मिलते-जुलते नाम से स्वामी विवेकानंद ट्रस्ट बनाया और दिल्ली जाकर अफसरों की मिलीभगत से अपने ट्रस्ट के खाते में 42 लाख रुपये डलवा लिए.

रुपयों के गबन का मामला सामने आया तो जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में केस किया गया. लेकिन, पुलिस की जांच में मामले में कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार को जांच के लिए लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की.

अदालत ने राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जांच को लेकर मंतव्य मांगा था, जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि हमें इस मामले की सीबीआई जांच से कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने कोर्ट में पक्ष रखा.

इनपुट- आईएएनएस

रांची: झारखंड के जमशेदपुर में एक शख्स ने स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट नामक संस्था के मिलते-जुलते नाम से दूसरा ट्रस्ट बनाकर फर्जी तरीके से केंद्र सरकार से 42 लाख रुपए का ग्रांट ले लिया. गबन का मामला 20 साल पुराना है, जिसकी जांच अब सीबीआई करेगी.

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झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गयी थी. मामला वर्ष 2002-03 का है. जमशेदपुर में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से आदिवासी बालिकाओं के लिए हॉस्टल चलाया जा रहा था. इसके संचालन के लिए केंद्रीय जनजाति विकास विभाग (मंत्रालय) ट्रस्ट को पैसे देता था.

वर्ष 2002-03 में विभाग ने ट्रस्ट को 42 लाख रुपये आवंटित किए थे. लेकिन, ट्रस्ट के सचिव रहे सरोज दास ने साजिश रचकर मिलते-जुलते नाम से स्वामी विवेकानंद ट्रस्ट बनाया और दिल्ली जाकर अफसरों की मिलीभगत से अपने ट्रस्ट के खाते में 42 लाख रुपये डलवा लिए.

रुपयों के गबन का मामला सामने आया तो जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में केस किया गया. लेकिन, पुलिस की जांच में मामले में कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार को जांच के लिए लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की.

अदालत ने राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जांच को लेकर मंतव्य मांगा था, जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि हमें इस मामले की सीबीआई जांच से कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने कोर्ट में पक्ष रखा.

इनपुट- आईएएनएस

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