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टेरर फंडिंग के आरोपी को झारखंड हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, दो आरोपियों की याचिका खारिज

टेरर फंडिंग मामले में आरोपी मनोज यादव और प्रकाश राम को झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली. अदालत ने दोनों आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया है. एनआईए ने मनोज यादव और प्रकाश राम को मामले में आरोपी बनाया गया है, ये दोनों वर्तमान में जेल में है. इसी मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 14, 2020, 7:12 PM IST

रांची: टेरर फंडिंग मामले में आरोपी मनोज यादव और प्रकाश राम के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने 14 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, टेरर फंडिंग मामले के आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत ऐसी स्थिति में नहीं दी जा सकती है. अदालत ने दोनों आरोपियों की याचिका को खारिज कर दी है.

देखें पूरी खबर
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी मनोज यादव और प्रकाश राम के मामले पर फैसला सुनाते हुए मनोज यादव और प्रकाश राम की याचिका को खारिज कर दिया है. पूर्व में अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था, उसी आदेश को सोमवार को सुनाया गया है.इसे भी पढे़ं:- राज्यपाल और सीएम ने दी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, कहा- हिंदी प्रेम और एकता की भाषा


टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए कर रही है, एनआईए ने मनोज यादव और प्रकाश राम को मामले में आरोपी बनाया गया है, वह वर्तमान में जेल में है. इसी मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसी याचिका के सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, सोमवार को फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया गया है. मनोज कुमार की गिरफ्तारी 6 लाख और अन्य दस्तावेज के साथ हुई थी. उस पर आरोप है कि उसने भाकपा माओवादी के नक्सली कृष्णा हांसदा के निर्देश पर ठेकेदारों से लेवी वसूल की थी. जांच के दौरान यह भी पता चला था कि गिरफ्तार आरोपी मनोज कुमार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी भी रह चुका था. वह गिरिडीह इलाके में कंस्ट्रक्शन फर्म और माओवादियों के बीच मध्यस्थता का काम करता था. दोनों अभियुक्तों के खिलाफ यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

रांची: टेरर फंडिंग मामले में आरोपी मनोज यादव और प्रकाश राम के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने 14 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, टेरर फंडिंग मामले के आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत ऐसी स्थिति में नहीं दी जा सकती है. अदालत ने दोनों आरोपियों की याचिका को खारिज कर दी है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी मनोज यादव और प्रकाश राम के मामले पर फैसला सुनाते हुए मनोज यादव और प्रकाश राम की याचिका को खारिज कर दिया है. पूर्व में अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था, उसी आदेश को सोमवार को सुनाया गया है.इसे भी पढे़ं:- राज्यपाल और सीएम ने दी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, कहा- हिंदी प्रेम और एकता की भाषा


टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए कर रही है, एनआईए ने मनोज यादव और प्रकाश राम को मामले में आरोपी बनाया गया है, वह वर्तमान में जेल में है. इसी मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसी याचिका के सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, सोमवार को फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया गया है. मनोज कुमार की गिरफ्तारी 6 लाख और अन्य दस्तावेज के साथ हुई थी. उस पर आरोप है कि उसने भाकपा माओवादी के नक्सली कृष्णा हांसदा के निर्देश पर ठेकेदारों से लेवी वसूल की थी. जांच के दौरान यह भी पता चला था कि गिरफ्तार आरोपी मनोज कुमार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी भी रह चुका था. वह गिरिडीह इलाके में कंस्ट्रक्शन फर्म और माओवादियों के बीच मध्यस्थता का काम करता था. दोनों अभियुक्तों के खिलाफ यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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