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पेंशन भुगतान देरी मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, जल्द भुगतान करने का दिया निर्देश - सुखराम प्रसाद मनी पेंशन भुगतान देरी मामले में हाईकोर्ट

झारखंड सरकार के आरईओ विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर सुखराम प्रसाद मनी पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भुगतान मामले पर मंगलवार को झारखंड उच्च न्यायालय का फैसला आ गया. इस मामले में हाईकोर्ट ने जल्द ही भुगतान राशि देने का निर्देश दिया है.

झारखंड हाईकोर्ट
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Published : Aug 20, 2019, 9:06 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के आरईओ विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर सुखराम प्रसाद मनी की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भुगतान मामले पर मंगलवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. मामले में हो रही देरी को देखते हुए सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले पर ब्याज सहित भुगतान करें.

देखें खबर

यह भी पढ़ें- धर्म छिपाकर रचाई शादी, फिर तीन तलाक देकर घर से किया बाहर, मामला पहुंचा कोर्ट


अदालत ने लगाई फटकार
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के सचिव केके सोन हाजिर हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि याचिकाकर्ता का पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान में इतनी देरी क्यों हो रही है और अधिकारी समय पर क्यों नहीं भुगतान करते हैं. पिछले 8 वर्षों से यह पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भटक रहे हैं. इन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?


अदालत ने सुनाई सजा
अदालत के पूछे गए प्रश्नों का सचिव के पास कोई सकारात्मक जवाब नहीं था. ऐसे में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को ब्याज सहित सभी तरह के लंबित राशि का भुगतान करें. साथ ही इतने दिन जो बीत गए उसके लिए अदालत ने विभाग को बतौर हर्जाना डेढ़ लाख रुपए याचिकाकर्ता को देने को कहा है. अदालत ने सचिव को स्पष्ट आदेश दिया है कि हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से ली जाए, जिसपर सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया है.


क्या था मामला
याचिकाकर्ता सुखराम प्रसाद मनी वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद पहले तो विभागों का चक्कर लगाते रहे लेकिन विभाग टालमटोल करता रहा. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने अदालत को बताया कि 8 वर्षों से उन्हें किसी भी तरह की सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया जा रहा है.

रांची: झारखंड सरकार के आरईओ विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर सुखराम प्रसाद मनी की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भुगतान मामले पर मंगलवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. मामले में हो रही देरी को देखते हुए सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले पर ब्याज सहित भुगतान करें.

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अदालत ने लगाई फटकार
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के सचिव केके सोन हाजिर हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि याचिकाकर्ता का पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान में इतनी देरी क्यों हो रही है और अधिकारी समय पर क्यों नहीं भुगतान करते हैं. पिछले 8 वर्षों से यह पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भटक रहे हैं. इन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?


अदालत ने सुनाई सजा
अदालत के पूछे गए प्रश्नों का सचिव के पास कोई सकारात्मक जवाब नहीं था. ऐसे में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को ब्याज सहित सभी तरह के लंबित राशि का भुगतान करें. साथ ही इतने दिन जो बीत गए उसके लिए अदालत ने विभाग को बतौर हर्जाना डेढ़ लाख रुपए याचिकाकर्ता को देने को कहा है. अदालत ने सचिव को स्पष्ट आदेश दिया है कि हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से ली जाए, जिसपर सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया है.


क्या था मामला
याचिकाकर्ता सुखराम प्रसाद मनी वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद पहले तो विभागों का चक्कर लगाते रहे लेकिन विभाग टालमटोल करता रहा. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने अदालत को बताया कि 8 वर्षों से उन्हें किसी भी तरह की सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया जा रहा है.

Intro:पेंशन के भुगतान पर देर करने के मामले पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार


रांची

झारखंड सरकार के आरईओ विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर सुखराम प्रसाद मनी की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भुगतान में देर होने के मामले पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारी को फटकार लगाया कहा ब्याज सहित भुगतान करें साथ ही सरकार को डेढ़ लाख रुपैया बतौर हर्जाना के रूप में प्रार्थी को देने का निर्देश दिया है हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से देने को कहा है


Body:अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के सचिव केके सोन हाजिर हुए अदालत ने उनसे पूछा कि याचिकाकर्ता का पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ में के भुगतान में इतनी विलंब क्यों हो रही है उन्होंने पूछा कि अधिकारी समय पर क्यों नहीं भुगतान करते हैं पिछले 8 वर्षों से यह पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भटक रहे हैं अखिल क्यों नहीं इन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ दी जा रही है अदालत के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का सचिव के द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं दिया जा सका अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को ब्याज सहित सभी तरह के लंबित राशि का भुगतान करें साथ ही इतने दिन जो बीत गए उसके लिए अदालत ने विभाग को बतौर हर्जाना डेढ़ लाख रुपैया याचिकाकर्ता को देने को कहा है अदालत ने सचिव को अस्पष्ट आदेश दिया है कि हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से लिया जाए जिस पर सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया कि इस तरह के जितने भी मामले हैं उसका रिव्यू कर हुए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देंगे साथ ही उन्होंने अदालत को यह भी आश्वस्त किया कि अब इस तरह की कोई भी मामले नहीं होंगी उन्होंने अदालत को बताया कि उनके राशि का भुगतान शीघ्र हो जाएगा पूरे भुगतान प्रक्रिया में है

Conclusion:याचिकाकर्ता सुखराम प्रसाद मनी वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे सेवानिवृत्ति के बाद पहले तो विभागों का चक्कर लगाते रहे लेकिन विभाग टालमटोल करता रहा उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने अदालत को बताया कि 8 वर्षों से उन्हें किसी भी तरह की सेवानिवृत्ति लाभ की दे नहीं हो रही है उस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर कर उनकी सारी बकाए राशि का ब्याज सहित भुगतान करने को कहा है
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