रांची: झारखंड सरकार के आरईओ विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर सुखराम प्रसाद मनी की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भुगतान मामले पर मंगलवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. मामले में हो रही देरी को देखते हुए सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले पर ब्याज सहित भुगतान करें.
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अदालत ने लगाई फटकार
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के सचिव केके सोन हाजिर हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि याचिकाकर्ता का पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान में इतनी देरी क्यों हो रही है और अधिकारी समय पर क्यों नहीं भुगतान करते हैं. पिछले 8 वर्षों से यह पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भटक रहे हैं. इन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?
अदालत ने सुनाई सजा
अदालत के पूछे गए प्रश्नों का सचिव के पास कोई सकारात्मक जवाब नहीं था. ऐसे में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को ब्याज सहित सभी तरह के लंबित राशि का भुगतान करें. साथ ही इतने दिन जो बीत गए उसके लिए अदालत ने विभाग को बतौर हर्जाना डेढ़ लाख रुपए याचिकाकर्ता को देने को कहा है. अदालत ने सचिव को स्पष्ट आदेश दिया है कि हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से ली जाए, जिसपर सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया है.
क्या था मामला
याचिकाकर्ता सुखराम प्रसाद मनी वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद पहले तो विभागों का चक्कर लगाते रहे लेकिन विभाग टालमटोल करता रहा. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने अदालत को बताया कि 8 वर्षों से उन्हें किसी भी तरह की सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया जा रहा है.