रांची: शुक्रवार को नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) घोटाले से संबंधित एक मामले की झारखंड हाई कोर्ट (HC) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान घोटाले की जांच पर अदालत ने संदेह जताया गया. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी.
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उन्होंने एसीबी (ACB) से मामले की पूरी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. साथ ही उन्होंने पूछा है कि मामले में कितने लोगों को आरोपी बनाया गया था, क्या करोड़ों के घोटाला महज एक छोटे से कर्मचारी ने कर लिया. इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. उन्होंने प्रार्थी को सीबीआई के अधिवक्ता को भी याचिका की 2 प्रति देने को कहा है, ताकि अगली सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता अदालत में मौजूद रहें. अगर जरूरत पड़ेगी तो मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपी जा सकती है. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
पहले एसीबी को मिला था जांच का जिम्मा
एनआरएचएम (NRHM) में करोड़ों के घोटाले की जांच एसीबी (ACB) को दी गई थी. उसके बाद मामले में एक कर्मचारी रंजय कुमार सिंह को नौकरी से निकाल दिया गया. उसके बाद उस कर्मचारी ने विभाग की ओर से की गई कार्यवाही को हाई कोर्ट में चुनौती दी और कहा कि बिना विभागीय कार्यवाही के उन्हें कैसे नौकरी से निकाला जा सकता है. इस पर विभाग ने जवाब दिया कि उनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई थी.
प्रार्थी का कहना था कि जब उसके साथ किसी भी प्रकार का कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया गया था, तो उसे कैसे उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म किया गया. अदालत ने राज्य सरकार से मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है कि विभाग में एनआरएचएम के तहत कितने कर्मचारियों को इस तरह से नियुक्त किया गया है और कितने कर्मचारी हैं.