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झारखंड हाई कोर्ट ने लगाया रांची डीसी पर जुर्माना, कार्यशैली पर व्यक्त की नाराजगी - Jharkhand news

झारखंड हाई कोर्ट ने रांची डीसी पर जुर्माना लगाया है. अपोलो अस्पताल रास्ता विवाद मामले में रांची डीसी की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अदालत ने 50 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही जुर्माना सहित 2 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है.

Jharkhand High Court imposed fine on Ranchi DC
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 20, 2022, 9:19 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने अपोलो अस्पताल रास्ता विवाद मामले में रांची डीसी की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 50 हजार का जुर्माना लगाया है. अदालत ने जुर्माना सहित 2 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जानबूझकर इस मामले में शपथ पत्र नहीं दायर किया जा रहा है. बार-बार अदालत के आदेश के बावजूद भी इसे नजर अंदाज कर दिया जा रहा है. अदालत के आदेश को हल्के में लिया जा रहा है. अदालत ने यह जानना चाहा कि जब 5 अप्रैल को डीसी को 4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया. उसके बाद 9 मई को फिर मौका दिया गया लेकिन जवाब दाखिल नहीं की गई. 8 जून को भी जवाब के लिए समय दिया गया फिर भी नहीं किया गया. जिस पर अदालत ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए रांची डीसी की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और 50 हजार का अर्थदंड लगाया है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

अदालत ने रांची डीसी को अंतिम मौका देते हुए 2 सप्ताह के अंदर अर्थदंड सहित शपथ पत्र अदालत में पेश करने को कहा है. शपथ पत्र दायर किए जाने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएग. अपोलो अस्पताल में रास्ता विवाद को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. पूर्व में अदालत में रांची डीसी को मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा था. लेकिन कई बार से इस मामले में सिर्फ समय लिया गया और शपथ पत्र दायर नहीं किया गया. जिस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने अपोलो अस्पताल रास्ता विवाद मामले में रांची डीसी की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 50 हजार का जुर्माना लगाया है. अदालत ने जुर्माना सहित 2 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जानबूझकर इस मामले में शपथ पत्र नहीं दायर किया जा रहा है. बार-बार अदालत के आदेश के बावजूद भी इसे नजर अंदाज कर दिया जा रहा है. अदालत के आदेश को हल्के में लिया जा रहा है. अदालत ने यह जानना चाहा कि जब 5 अप्रैल को डीसी को 4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया. उसके बाद 9 मई को फिर मौका दिया गया लेकिन जवाब दाखिल नहीं की गई. 8 जून को भी जवाब के लिए समय दिया गया फिर भी नहीं किया गया. जिस पर अदालत ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए रांची डीसी की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और 50 हजार का अर्थदंड लगाया है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

अदालत ने रांची डीसी को अंतिम मौका देते हुए 2 सप्ताह के अंदर अर्थदंड सहित शपथ पत्र अदालत में पेश करने को कहा है. शपथ पत्र दायर किए जाने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएग. अपोलो अस्पताल में रास्ता विवाद को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. पूर्व में अदालत में रांची डीसी को मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा था. लेकिन कई बार से इस मामले में सिर्फ समय लिया गया और शपथ पत्र दायर नहीं किया गया. जिस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की.

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