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JHARKHAND HIGH COURT: टैगोर जमीन विवाद मामले में अदालत गंभीर, राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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Published : Aug 17, 2021, 7:56 PM IST

राजधानी में टैगोर जमीन विवाद(Tagore land dispute) मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश राजेश शंकर (Judge Rajesh Shankar) की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

jharkhand high court gave notice to state government over tagore land dispute case
JHARKHAND HIGH COURT: टैगोर जमीन विवाद मामले में अदालत गंभीर, राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

रांची: टैगोर जमीन विवाद मामले में दायर याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर (Judge Rajesh Shankar) की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. इस संबंध में अदालत में हेमेंद्र नाथ टैगोर की जमीन की जमाबंदी रद्द करने के खिलाफ याचिका दायर की है.

इसे भी पढ़ें- हेमंत सरकार के खिलाफ भाजपा ने फूंका बिगुल, 21 अगस्त को पूरे झारखंड में बनेगी मानव श्रृंखला

सुनवाई में क्या हुआ?

याचिका पर हुई सुनवाई में सरकार को जवाब पेश करने को कहा गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हेमेंद्र नाथ टैगोर की जमीन की कागजात में फर्जीवाड़ा किया गया है. साल 1909 और 1929 में उक्त जमीन की खरीदारी की गई, इसके बाद साल 1932 में खतियान में प्रार्थी के दादा का नाम दर्ज था. उस दौरान भी उक्त जमीन का लगान प्रार्थी के परिवार वाले ही दे रहे थे. जमींदार प्रथा समाप्त होने के बाद से वर्ष 2012 तक इसी परिवार ने जमीन का लगान जमा किया लेकिन इस बीच खतियान में छेड़छाड़ करते हुए उक्त जमीन पर दूसरे व्यक्ति ने अपना दावा किया. इसी मामले में डीसीएलआर(DCLR) ने उस जमीन पर प्रार्थी की जमाबंदी को रद्द कर दिया है. नियम के मुताबिक डीसीएलआर को ऐसा करने का अधिकार नहीं है.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता धीरज कुमार

पूरे मामले की हुई जांच

यह मामला जब सिविल कोर्ट पहुंचा तो उस दौरान पूरे मामले की जांच कराई गई. जांच में पता चला कि उक्त जमीन के कागजातों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसलिए डीसीएलआर के आदेश को निरस्त किया जाए. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

रांची: टैगोर जमीन विवाद मामले में दायर याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर (Judge Rajesh Shankar) की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. इस संबंध में अदालत में हेमेंद्र नाथ टैगोर की जमीन की जमाबंदी रद्द करने के खिलाफ याचिका दायर की है.

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सुनवाई में क्या हुआ?

याचिका पर हुई सुनवाई में सरकार को जवाब पेश करने को कहा गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हेमेंद्र नाथ टैगोर की जमीन की कागजात में फर्जीवाड़ा किया गया है. साल 1909 और 1929 में उक्त जमीन की खरीदारी की गई, इसके बाद साल 1932 में खतियान में प्रार्थी के दादा का नाम दर्ज था. उस दौरान भी उक्त जमीन का लगान प्रार्थी के परिवार वाले ही दे रहे थे. जमींदार प्रथा समाप्त होने के बाद से वर्ष 2012 तक इसी परिवार ने जमीन का लगान जमा किया लेकिन इस बीच खतियान में छेड़छाड़ करते हुए उक्त जमीन पर दूसरे व्यक्ति ने अपना दावा किया. इसी मामले में डीसीएलआर(DCLR) ने उस जमीन पर प्रार्थी की जमाबंदी को रद्द कर दिया है. नियम के मुताबिक डीसीएलआर को ऐसा करने का अधिकार नहीं है.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता धीरज कुमार

पूरे मामले की हुई जांच

यह मामला जब सिविल कोर्ट पहुंचा तो उस दौरान पूरे मामले की जांच कराई गई. जांच में पता चला कि उक्त जमीन के कागजातों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसलिए डीसीएलआर के आदेश को निरस्त किया जाए. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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