रांची: राजधानी में लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. जिस पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के दिए गए जवाब पर झारखंड हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताई है. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि बिंदुवार विस्तृत जवाब क्यों नहीं है. उन्होंने फिर से विस्तृत जवाब 5 मई तक पेश करने का आदेश दिया है. अदालत ने पूछा कि लाॅकडाउन में भेजे गए मजदूर कहां भेजे गए? यह कहां हैं? इसकी विस्तृत रिपोर्ट अपने जवाब में दें.
राजधानी रांची में लॉकडॉउन उल्लंघन के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. वहीं केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल राजीव सिन्हा, महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा सहित अन्य ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान अदालत में सरकार के पेश किए गए रिपोर्ट पर अदालत ने असंतुष्टि जाहिर की. उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि इसमें कई बिंदु पर अस्पष्ट जवाब क्यों हैं? उन्होंने पूछा कि लॉकडॉउन उल्लंघन कर रांची से जो डीसी के आदेश पर मजदूरों को भेजा गया वह मजदूर अभी कहां है? उसकी जांच हुई या नहीं? वह कहां कहां गए? इस पर बिंदुवार किसी भी प्रकार की कोई जवाब क्यों नहीं है? उन्होंने पूछा कि रांची डीसी को जो शोकाॅज किया गया उस पर क्या हुआ? जिस पर सरकार की ओर से बताया गया कि अभी तक डीसी की ओर से जवाब नहीं आया है. अदालत ने पूछा कि डीसी को जवाब के लिए सरकार कितना समय दिया है? अदालत ने तमाम बिंदुओं पर राज्य सरकार को फिर से 5 मई तक विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
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बता दें कि लॉकडॉउन उल्लंघन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई चल रही है. पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में जवाब पेश किया. उसी जवाब पर हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए फिर से जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी.