रांचीः असिस्टेंट एग्रीकल्चर डायरेक्टर नियुक्ति(Assistant agriculture director appointment) में उम्र सीमा की छूट की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद माना कि याचिकाकर्ता(Petitioner) को उम्र सीमा में छूट नहीं दी जा सकती है. अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में असिस्टेंट एग्रीकल्चर डायरेक्टर की नियुक्ति में उम्र सीमा की छूट की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, राज्य सरकार के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी.
संविदा कर्मियों के लिए मिले उम्र सीमा में छूट
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से आग्रह किया गया कि झारखंड सरकार में कई वर्षों से सेवा दे रहे हैं. इसलिए नियमित नियुक्ति में पांच वर्षों की छूट दी जाए. यह सरकार का भी नियम है, लेकिन झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से नियमित नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में पूर्व से काम कर रहे संविदा कर्मियों के लिए उम्र सीमा में छूट नहीं दी गई है.
याचिकाकर्ता सरकारी कर्मी नहीं
झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से प्रतिनियुक्त अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकारी नौकरी में रहने वाले कर्मी को उम्र सीमा में छूट का लाभ मिलता हैं, लेकिन याचिकाकर्ता सरकारी सेवा में नहीं हैं. याचिकाकर्ता कृषि विभाग में योजना के तहत चल रहे काम में संविदा पर रखे गए हैं. इसलिए इन्हें उम्र सीमा में छूट नहीं दी जा सकती है.
उम्र सीमा में छूट को लेकर दायर की गई थी याचिका
बता दें कि याचिकाकर्ता मंटू कुमार ने झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से असिस्टेंट एग्रीकल्चर डायरेक्टर नियुक्ति में पूर्व से काम कर रहे कर्मी को उम्र सीमा में छूट नहीं देने को लेकर याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.