रांची: पटना-रांची एनएच की जर्जर स्थिति को ठीक करने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में एनएचएआई को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि एनएच को हर हाल में सुगमता से चलने लायक बनाएं.
अदालत ने बिहार सरकार, झारखंड सरकार, एनएचएआई और वन्य जीव बोर्ड को आपस में मिलकर बैठक कर एलिवेटेड कॉरिडोर कोडरमा से रजौली के बीच में उचित स्थान चिन्हित कर बनाने पर निर्णय लेने को कहा है. ताकि वन्य जीव के आवागमन में कोई कठिनाई ना हो. वह सुरक्षित रह सकें. अदालत ने सभी को 2 सप्ताह में मामले में बैठक कर उस पर निर्णय लेने और उस निर्णय से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.
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झारखंड हाई कर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में पटना-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित मामले पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान सरकार और एनएचएआई की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि मामले से संबंधित जानकारी बिहार सरकार को दी गई है. जल्द ही सभी मिलकर इस पर निर्णय लेंगे. जिस पर अदालत ने कहा कि रांची पटना राष्ट्रीय राजमार्ग काफी महत्वपूर्ण है. दो राज्यों को जोड़ने वाली यह काफी व्यस्ततम सड़क है. लेकिन कोडरमा से रजौली तक इसकी हालत बदतर है. जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं.
अदालत ने कहा कि वन्य जीव को संरक्षित और सुरक्षित रखने के साथ-साथ एनएच पर यातायात सुगम बनाने के लिए उसकी जर्जर स्थिति को ठीक किया जाना चाहिए. क्लीयरेंस नहीं मिलने के नाम पर इसे अधिक दिनों तक नहीं लटकाया जाना चाहिए. जिस पर एनएचएआई की ओर से कहा गया कि 31 दिसंबर तक सड़क को ठीक कर दिया जाएगा.
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रांची से पटना जा रहे थे जाने के क्रम में मुख्य न्यायाधीश के कारकेट की एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई का आदेश दिया था. उसी मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में शीघ्र एनएच की स्थिति ठीक करने का निर्देश देते हुए सभी को जवाब पेश करने को कहा है.