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झारखंड हाई कोर्ट ने रांची डीसी के आदेश को किया रद्द, जमीन की जमाबंदी का मामला - ranchi news

रांची के बजरा मौजा में जमीन की जमाबंदी खोलने के रांची के तत्कालीन डीसी के आदेश को झारखंड हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है (Jharkhand High Court decision in land freeze case). गौरतलब है कि जमीन गलत तरीके से जमाबंदी की गई थी, जिसकी शिकायत राज्य सरकार को मिली थी.

Jharkhand High Court
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Published : Nov 18, 2022, 8:54 AM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में रांची के बजरा मौजा (हेहल) के खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन की जमाबंदी खोलने के रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के आदेश को रद्द कर दिया गया है (Jharkhand High Court decision in land freeze case). डीसी छवि रंजन ने रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह के पक्ष में आदेश पारित किया था.

यह भी पढ़ें: अवैध जमाबंदी मामले में पूर्व डीजीपी की पत्नी को झटका, सीएम ने रद्द करने के दिए आदेश

क्या है पूरा मामला: जागेश्वर साहू और श्याम सिंह की ओर से मामले में याचिका दाखिल की गई थी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता पांडे नीरज राय ने पैरवी की. बता दें कि बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन की सरकारी दर 29.88 करोड़ है लेकिन इसे सिर्फ 15.10 करोड़ में बेची गई. जबकि विक्रेता को सर्किल रेट से अधिक कीमत मिल सकती थी. यहां यह भी बता दें कि बजरा मौजा की खाता नंबर 140 की जमीन गलत तरीके से जमाबंदी की गई थी. इसकी शिकायत राज्य सरकार को मिली थी.

इस जमीन के संबंध में छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने भी जांच की थी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी. इसमें कहा गया था कि छवि रंजन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह के पक्ष में असंवैधानिक आदेश पारित किया और खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन की जमाबंदी खोलने का आदेश दिया.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में रांची के बजरा मौजा (हेहल) के खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन की जमाबंदी खोलने के रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के आदेश को रद्द कर दिया गया है (Jharkhand High Court decision in land freeze case). डीसी छवि रंजन ने रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह के पक्ष में आदेश पारित किया था.

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क्या है पूरा मामला: जागेश्वर साहू और श्याम सिंह की ओर से मामले में याचिका दाखिल की गई थी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता पांडे नीरज राय ने पैरवी की. बता दें कि बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन की सरकारी दर 29.88 करोड़ है लेकिन इसे सिर्फ 15.10 करोड़ में बेची गई. जबकि विक्रेता को सर्किल रेट से अधिक कीमत मिल सकती थी. यहां यह भी बता दें कि बजरा मौजा की खाता नंबर 140 की जमीन गलत तरीके से जमाबंदी की गई थी. इसकी शिकायत राज्य सरकार को मिली थी.

इस जमीन के संबंध में छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने भी जांच की थी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी. इसमें कहा गया था कि छवि रंजन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह के पक्ष में असंवैधानिक आदेश पारित किया और खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन की जमाबंदी खोलने का आदेश दिया.

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