रांची: झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने और एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के आसपास के चिन्हित 9 बिल्डिंग को तोड़ने (Demolition of buildings near Deoghar airport) पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.
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कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई प्रतिवादी अपना जवाब दाखिल करना चाहता है तो वह दाखिल कर सकता है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची बिल्डिंग तोड़ने की बात है, उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. अदालत ने मामले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. प्रार्थी के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने बताया कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से देवघर एयरपोर्ट के सुचारू ढंग से संचालन को लेकर अवमाननावाद याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के पास बनाए गए 9 आलीशान भवन तोड़ने के लिए चिन्हित किए गए हैं, अभी तक यह तोड़े नहीं गए हैं.
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने उन 9 आलीशान भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया था, जिनके मकान या भवन देवघर एयरपोर्ट के पास तोड़ने की योजना है. अदालत ने देवघर डीसी को आदेश दिया था कि भवन मालिकों को इस संबंध में नोटिस भेजा जाए. यही नहीं नोटिस भेजने के बाद अदालत को सूचित करने को कहा था. प्रार्थी की ओर से पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में कहा गया था कि देवघर एयरपोर्ट का संचालन अब तक पूरी तरह से शुरू नहीं किया गया है. राज्य सरकार कई कार्यों में देर कर रही है. इसके साथ ही नाइट लैंडिंग भी शुरू नहीं की गई है, और न ही एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिंल्डिंग को तोड़ा गया है.
देवघर एयरपोर्ट के पास 9 ऊंची बिल्डिंग तोड़ने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक - रांची न्यूज
देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और एयरपोर्ट के पास ऊंचे भवन के तोड़ने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल चिन्हित बिल्डिंग्स को तोड़ने (Demolition of buildings near Deoghar airport) पर रोक लगा दी है.
रांची: झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने और एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के आसपास के चिन्हित 9 बिल्डिंग को तोड़ने (Demolition of buildings near Deoghar airport) पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.
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कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई प्रतिवादी अपना जवाब दाखिल करना चाहता है तो वह दाखिल कर सकता है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची बिल्डिंग तोड़ने की बात है, उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. अदालत ने मामले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. प्रार्थी के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने बताया कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से देवघर एयरपोर्ट के सुचारू ढंग से संचालन को लेकर अवमाननावाद याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के पास बनाए गए 9 आलीशान भवन तोड़ने के लिए चिन्हित किए गए हैं, अभी तक यह तोड़े नहीं गए हैं.
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने उन 9 आलीशान भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया था, जिनके मकान या भवन देवघर एयरपोर्ट के पास तोड़ने की योजना है. अदालत ने देवघर डीसी को आदेश दिया था कि भवन मालिकों को इस संबंध में नोटिस भेजा जाए. यही नहीं नोटिस भेजने के बाद अदालत को सूचित करने को कहा था. प्रार्थी की ओर से पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में कहा गया था कि देवघर एयरपोर्ट का संचालन अब तक पूरी तरह से शुरू नहीं किया गया है. राज्य सरकार कई कार्यों में देर कर रही है. इसके साथ ही नाइट लैंडिंग भी शुरू नहीं की गई है, और न ही एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिंल्डिंग को तोड़ा गया है.