रांची: राजधानी रांची में रिम्स की लचर व्यवस्था पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने रिम्स प्रशासन और राज्य सरकार से पूछा है कि रिम्स कैंपस में जो गरीबों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने वाली जन औषधि केंद्र है, वह फिलहाल बंद क्यों है?
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कोर्ट ने रिम्स प्रशासन से मांगा 21 जून तक जवाब
इस पूरे मामले में अदालत ने 21 जून से पूर्व रिम्स प्रशासन को शपथ-पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि जन औषधि केंद्र में दवा की आपूर्ति की स्थिति क्या है?
राज्य सरकार और प्रशासन से कोर्ट ने मांगा जवाब
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह जानकारी दी गई कि गरीबों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने वाली जन औषधि केंद्र जो रिम्स परिसर में खोला गया है, वह बंद है. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार और रिम्स प्रबंधन के अधिवक्ता से जानना चाहा कि रिम्स में जो जन औषधि केंद्र खोला गया है, वह फिलहाल क्यों बंद है?
रिम्स प्रशासन की ओर से सकारात्मक जवाब ना देने के कारण अदालत ने राज्य सरकार और प्रशासन से मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने रिपोर्ट में यह भी बताने को कहा है कि केंद्र को दवा आपूर्ति की क्या व्यवस्था है? कैंपस के अंदर कितनी दुकानें हैं? जन औषधि केंद्र क्यों बंद है? इन तमाम बिंदु पर स्पष्ट जवाब पेश करने को कहा है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण के साथ ही अदालत में रिम्स की लचर व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट के लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
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रिम्स की लचर व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में ही स्वतः संज्ञान लिया था. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को यह जानकारी दी गई कि रिम्स कैंपस में गरीबों के लिए जो जन औषधि केंद्र खोला गया है, वह पिछले काफी दिनों से बंद है. अदालत ने इस पर राज्य सरकार और रिम्स प्रशासन से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी.