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झारखंड हाई कोर्ट ने RMC को लगाई फटकार, कहा- मृत्यु प्रमाण पत्र संबंधित मूल दस्तावेज जल्द करें पेश

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 (Covid-19) अंकित करने की मांग की गई. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत रूप से जवाब पेश करने और रांची नगर निगम (RMC) को मूल दस्तावेज पेश करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 25, 2021, 7:38 AM IST

रांची: राज्य में कोविड-19 से मरने वाले के मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत हुई है, यह अंकित नहीं किए जाने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार और रांची नगर निगम (RMC) को मामले में जवाब पेश करने को कहा था.

ये भी पढ़ेंः-झारखंड हाई कोर्ट का राज्य सरकार से सवाल, जनप्रतिनिधियों को वाहनों में नेमप्लेट लगाने की क्यों दी गई छूट?

मामले की 1 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

रांची नगर निगम (RMC) और राज्य सरकार की ओर से समय से जवाब पेश नहीं किया गया, जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए रांची नगर निगम (RMC) और राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता आदित्य रमन

मूल संचिका पेश करने के लिए समय की मांग

वहीं, याचिकाकर्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपना-अपना पक्ष रखा है. नगर निगम की ओर से मामले में मूल संचिका पेश करने के लिए समय की मांग की गई. अदालत ने उन्हें 1 सप्ताह का समय देते हुए मूल संचिका पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि, कोविड-19 (Covid-19) से मरने वालों की मृत्यु प्रमाण पत्र पर राज्य सरकार के ओर से जिक्र नहीं किया जाता है. जिसके कारण मृतक के परिजन को जो मुआवजा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

केंद्र और राज्य की ओर से मुआवजे का प्रावधान

कोविड-19 से मरने वालों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने भी मुआवजे की घोषणा की है. अगर कोई व्यक्ति किसी संस्थान में नौकरी करता है तो उस संस्थान से भी उन्हें सहायता दी जाती है.

ये भी पढ़ें- रांची: निजी स्कूलों को शिक्षा सचिव की चेतावनी, नियम तोड़ा तो होगी कार्रवाई

प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत अंकित नहीं
उन्होंने एक पत्रकार का उदाहरण देते हुए कहा की उसकी मौत कोविड-19 से हुई लेकिन उसके प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित नहीं होने के कारण किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया गया. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित करने की मांग

बता दें कि कोविड-19 के मामले में हाई कोर्ट (High Court) द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान इस मामले को उठाया गया, जिसमें यह कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से जिनकी मौत हो रही है. उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत होना नहीं लिखा जाता है, जिसके कारण से उन्हें किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा या सहायता नहीं मिल पाता है. मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित करने की मांग की गई. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत रूप से जवाब पेश करने और आरएमसी को मूल दस्तावेज पेश करने को कहा है.

रांची: राज्य में कोविड-19 से मरने वाले के मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत हुई है, यह अंकित नहीं किए जाने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार और रांची नगर निगम (RMC) को मामले में जवाब पेश करने को कहा था.

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मामले की 1 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

रांची नगर निगम (RMC) और राज्य सरकार की ओर से समय से जवाब पेश नहीं किया गया, जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए रांची नगर निगम (RMC) और राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता आदित्य रमन

मूल संचिका पेश करने के लिए समय की मांग

वहीं, याचिकाकर्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपना-अपना पक्ष रखा है. नगर निगम की ओर से मामले में मूल संचिका पेश करने के लिए समय की मांग की गई. अदालत ने उन्हें 1 सप्ताह का समय देते हुए मूल संचिका पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि, कोविड-19 (Covid-19) से मरने वालों की मृत्यु प्रमाण पत्र पर राज्य सरकार के ओर से जिक्र नहीं किया जाता है. जिसके कारण मृतक के परिजन को जो मुआवजा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

केंद्र और राज्य की ओर से मुआवजे का प्रावधान

कोविड-19 से मरने वालों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने भी मुआवजे की घोषणा की है. अगर कोई व्यक्ति किसी संस्थान में नौकरी करता है तो उस संस्थान से भी उन्हें सहायता दी जाती है.

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प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत अंकित नहीं
उन्होंने एक पत्रकार का उदाहरण देते हुए कहा की उसकी मौत कोविड-19 से हुई लेकिन उसके प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित नहीं होने के कारण किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया गया. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित करने की मांग

बता दें कि कोविड-19 के मामले में हाई कोर्ट (High Court) द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान इस मामले को उठाया गया, जिसमें यह कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से जिनकी मौत हो रही है. उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 से मौत होना नहीं लिखा जाता है, जिसके कारण से उन्हें किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा या सहायता नहीं मिल पाता है. मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 अंकित करने की मांग की गई. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत रूप से जवाब पेश करने और आरएमसी को मूल दस्तावेज पेश करने को कहा है.

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