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IIT और IIM के 214 छात्र बर्खास्त, HC के वकील ने कहा- छात्र सीनेट और मैनेजमेंट के सामने कर सकते हैं अपील - IIT और IIM के 214 छात्र बर्खास्त

धनबाद आईआईटी और आईआईएम के 214 छात्रों को बर्खास्त किया है. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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IIT और IIM के 214 छात्र बर्खास्त
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Published : Dec 11, 2020, 6:40 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 7:15 PM IST

रांची: शुल्क जमा नहीं करने के कारण आईआईटी और आईआईएम ने जो 214 छात्रों को बर्खास्त किया है. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने कहा कि यह बर्खास्तगी का आदेश सही नहीं है.

देखें पूरी खबर

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण में छात्रों को शुल्क जमा नहीं करने के कारण बर्खास्त किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है. इस पर कानूनी दृष्टि से देखना अलग होगा कि कॉलेज प्रबंधन ने क्या नोटिस दिया है? छात्रों के तरफ से क्या कमी हुई है ? उन्होंने किस परिस्थिति में शुल्क जमा नहीं किया ? इन तमाम बातों को तो अलग से समझना होगा, लेकिन जहां तक यह देखा जा रहा है कि शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण जो इस तरह की कार्रवाई की गई है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि छात्र सीनेट के सामने या फिर मैनेजमेंट में अपनी बात रख सकते हैं आगर फिर भी उनकी सुनवाई नहीं होती है तो फिर वे झारखंड हाई कोर्ट में अपील कर सकते है.

ये भी पढ़ें-दुमका में विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला पहुंचा राजभवन

अधिवक्ता ने कहा कि इसमें केंद्र और झारखंड सरकार की ओर से भी इस तरह के कई आदेश दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण किसी भी छात्र को स्कूल से निकालने की कोई भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. शुल्क नहीं जमा करने के कई कारण हो सकते हैं.

रांची: शुल्क जमा नहीं करने के कारण आईआईटी और आईआईएम ने जो 214 छात्रों को बर्खास्त किया है. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने कहा कि यह बर्खास्तगी का आदेश सही नहीं है.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण में छात्रों को शुल्क जमा नहीं करने के कारण बर्खास्त किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है. इस पर कानूनी दृष्टि से देखना अलग होगा कि कॉलेज प्रबंधन ने क्या नोटिस दिया है? छात्रों के तरफ से क्या कमी हुई है ? उन्होंने किस परिस्थिति में शुल्क जमा नहीं किया ? इन तमाम बातों को तो अलग से समझना होगा, लेकिन जहां तक यह देखा जा रहा है कि शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण जो इस तरह की कार्रवाई की गई है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि छात्र सीनेट के सामने या फिर मैनेजमेंट में अपनी बात रख सकते हैं आगर फिर भी उनकी सुनवाई नहीं होती है तो फिर वे झारखंड हाई कोर्ट में अपील कर सकते है.

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अधिवक्ता ने कहा कि इसमें केंद्र और झारखंड सरकार की ओर से भी इस तरह के कई आदेश दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण किसी भी छात्र को स्कूल से निकालने की कोई भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. शुल्क नहीं जमा करने के कई कारण हो सकते हैं.

Last Updated : Dec 11, 2020, 7:15 PM IST

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