रांची: राजधानी रांची सहित झारखंड के ज्यादातर जिलों में आसमान में आंशिक बादल बनने की वजह से ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई. राज्य के ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 10℃ से ऊपर ही रहा.
झारखंड का सबसे कम यानी न्यूनतम तापमान पश्चिमी सिंहभूम के जगरनाथपुर और रांची के नामकुम में दर्ज हुआ. दोनों जगहों पर न्यूनतम तापमान 07℃ रिकॉर्ड हुआ जो राज्य का भी न्यूनतम तापमान है. जबकि अधिकतम तापमान भी पश्चिमी सिंहभूम के ही चाईबासा में रिकॉर्ड हुआ जहां पारा 27.8 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ा. 17 जनवरी को चतरा जिले में न्यूनतम तापमान 9.2℃ रिकॉर्ड किया गया. वहीं, हजारीबाग का न्यूनतम तापमान 10.2 ℃ और गुमला का का न्यूनतम तापमान 9.5 ℃ रिकॉर्ड हुआ. रांची से सटे रामगढ़ जिले का न्यूनतम तापमान 11.6 ℃ रिकॉर्ड हुआ. इस दौरान आसमान में आंशिक बादल छाने से अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है.
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा झारखंड में मौसम का मिजाज
मौसम केंद्र ,रांची के अनुसार झारखंड में अगले 05 दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. 18 जनवरी 2025 को राज्य में कहीं कहीं हल्के से मध्यम दर्जे के कोहरे या धुंध बनने की संभवना है. उसके बाद आसमान मुख्यत साफ रहेगा. 19-20 जनवरी 2025 को सुबह की शुरुआत हल्के दर्जे की कोहरे और धुंध से होगी तत्पश्चात आसमान साफ हो जाएगा. 21-22 जनवरी को सुबह की शुरुआत कोहरे से होगी तत्पश्चात आसमान में आंशिक बादल बनने की संभवना है. 18 जनवरी को रांची और आसपास का तापमान 11 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना व्यक्त की गई है.
राज्य के प्रमुख जिलों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की स्थिति
जिला | अधिकतम तापमान (℃ में) | न्यूनतम तापमान(℃ में) |
रांची | 23.2 | 7.0 |
पूर्वी सिंहभूम | 26 | 10.2 |
पलामू | 19.6 | 11.6 |
बोकारो | 24.5 | 12.1 |
देवघर | 24.2 | 12.2 |
धनबाद | 23.4 | 10.1 |
गढ़वा | 19.8 | 11.3 |
हजारीबाग | 17.8 | 10.2 |
जामताड़ा | 25.8 | 10.5 |
खूंटी | 25.9 | 8.5 |
लातेहार | 18.7 | 10.7 |
लोहरदगा | 21.0 | 9.6 |
पाकुड़ | 26.2 | 12.4 |
रामगढ़ | 23.2 | 11.6 |
सिमडेगा | 26.4 | 8.6 |
प. सिंहभूम | 27.8 | 07 |
चतरा | 18.1 | 10.3 |
पश्चिमी सिंहभूम | 27.8 | 7.0 |
ये भी पढ़ें:
झारखंड में सर्दी का सितम जारी, हजारीबाग रहा सबसे ठंडा, तापमान 6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा
किसानों के लिए खुशखबरी! फिर से जिंदा होंगी जिला मौसम विज्ञान इकाइयां, खेती-बाड़ी में होगी क्रांति