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कोरोना के तीसरी लहर की आशंका, क्यों विशेषज्ञों को लगता है कि बच्चे और किशोर होंगे संक्रमित?

कोरोना की दूसरी लहर में मामलों की संख्या कम होती जा रही है. लेकिन अब सरकार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर परेशान है. इसी क्रम में झारखंड स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गया है.

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कोरोना के तीसरी लहर की आशंका
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Published : May 21, 2021, 11:03 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर अब धीरे-धीरे काबू पाया जा रहा है. वहीं, सरकार और स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित है. क्योंकि इस बार किशोर और बच्चों पर ज्यादा खतरा है. फिलहाल सरकार और प्रशासन इससे निपटने की तैयारियों में जुट गया है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना का कहर: समय पर नहीं मिलती लोगों को एंबुलेंस सेवा, मनमाने तरीके से हो रहा संचालन


दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहली लहर से अलग है. क्योंकि पहली लहर में 45 वर्ष से अधिक वाले लोग संक्रमित हो रहे थे. सबसे अधिक मौतें भी 45 प्लस वालों की हुई थी. आंकड़े बताते है कि 1 मार्च 2021 से पहले राज्य में करीब 1 लाख 38 हजार 697 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे. जिसमें सबसे अधिक संख्या 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग थे.

कोरोना की दूसरी लहर में बदल गया आंकड़ा
कोरोना की दूसरी लहर के बाद 1 मार्च से अब तक के आंकड़े बताते है कि अब तक 1 लाख 86 हजार 187 लोग संक्रमित हुए. जिसमें सबसे ज्यादा 1 लाख 15 हजार 228 संक्रमित 0-44 वर्ष के हैं, जो कुल संक्रमण का 61 प्रतिशत है. इसमें भी सबसे ज्यादा 57 हजार 674 संक्रमित 30-44 वर्ष के बीच के हैं. वहीं 48 हजार 462 संक्रमित 15-29 वर्ष के बीच के हैं. दूसरी लहर में 15 से 44 वर्ष के लोग संक्रमित हुए है.

झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर

उम्र सीमासंख्याप्रतिशत
0-14 वर्ष90824.87%
15-29 वर्ष4847226.03%
30-44 वर्ष5767430.97%
45-59 वर्ष4210222.61%
60 वर्ष से अधिक34154 18.34%



क्या कहते हैं डॉक्टर
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश भगत कहते हैं कि वायरस हमेशा नए स्ट्रेन के साथ आता है और संक्रमण फैलाने का आसान मार्ग खोजता है. ऐसे में अब जब युवा और बुजुर्ग इसकी चपेट में बड़ी संख्या में आ गए हैं तो अब इस बात का खतरा ज्यादा है कि कहीं ये बच्चे तीसरी लहर में संक्रमण के केंद्र में न हो. डॉ नरेश भगत की चिंता इसलिए भी अधिक है कि राज्य में बच्चों के इलाज की बहुत अच्छी सुविधा नहीं है. बच्चों में कुपोषण के चलते प्रतिरोधक क्षमता भी झारखंड में कम है. सरकारी चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बात करें तो यह गिनती के 25-30 होंगे.

इसे भी पढ़ें- बन्ना गुप्ता के लिए अपशब्द का प्रयोग करने वाले चिकित्सक पर लगे गंभीर आरोप, कोरोना से मौत के बाद बेटी ने कहा- बदतमीजी करते हैं डॉक्टर


अभी से ही माताओं में डर
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से ही माताएं अभी से सहमी हैं. राज्य बाल संरक्षण आयोग की पूर्व सदस्य और समाजसेवी सुनीता यादव ने कहा कि भगवान करें कि तीसरी लहर न आए पर अभी से ही तैयारियां कर लेने की जरूरत है.

सरकार ने शुरू कर दी तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारी शुरू कर दी है. रिम्स में बच्चों के लिए ICU और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड वाला वार्ड खोला जा रहा है. वहीं राज्य के अन्य जिला अस्पताल में भी बच्चा वार्ड खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

रांचीः कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर अब धीरे-धीरे काबू पाया जा रहा है. वहीं, सरकार और स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित है. क्योंकि इस बार किशोर और बच्चों पर ज्यादा खतरा है. फिलहाल सरकार और प्रशासन इससे निपटने की तैयारियों में जुट गया है.

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दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहली लहर से अलग है. क्योंकि पहली लहर में 45 वर्ष से अधिक वाले लोग संक्रमित हो रहे थे. सबसे अधिक मौतें भी 45 प्लस वालों की हुई थी. आंकड़े बताते है कि 1 मार्च 2021 से पहले राज्य में करीब 1 लाख 38 हजार 697 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे. जिसमें सबसे अधिक संख्या 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग थे.

कोरोना की दूसरी लहर में बदल गया आंकड़ा
कोरोना की दूसरी लहर के बाद 1 मार्च से अब तक के आंकड़े बताते है कि अब तक 1 लाख 86 हजार 187 लोग संक्रमित हुए. जिसमें सबसे ज्यादा 1 लाख 15 हजार 228 संक्रमित 0-44 वर्ष के हैं, जो कुल संक्रमण का 61 प्रतिशत है. इसमें भी सबसे ज्यादा 57 हजार 674 संक्रमित 30-44 वर्ष के बीच के हैं. वहीं 48 हजार 462 संक्रमित 15-29 वर्ष के बीच के हैं. दूसरी लहर में 15 से 44 वर्ष के लोग संक्रमित हुए है.

झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर

उम्र सीमासंख्याप्रतिशत
0-14 वर्ष90824.87%
15-29 वर्ष4847226.03%
30-44 वर्ष5767430.97%
45-59 वर्ष4210222.61%
60 वर्ष से अधिक34154 18.34%



क्या कहते हैं डॉक्टर
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश भगत कहते हैं कि वायरस हमेशा नए स्ट्रेन के साथ आता है और संक्रमण फैलाने का आसान मार्ग खोजता है. ऐसे में अब जब युवा और बुजुर्ग इसकी चपेट में बड़ी संख्या में आ गए हैं तो अब इस बात का खतरा ज्यादा है कि कहीं ये बच्चे तीसरी लहर में संक्रमण के केंद्र में न हो. डॉ नरेश भगत की चिंता इसलिए भी अधिक है कि राज्य में बच्चों के इलाज की बहुत अच्छी सुविधा नहीं है. बच्चों में कुपोषण के चलते प्रतिरोधक क्षमता भी झारखंड में कम है. सरकारी चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बात करें तो यह गिनती के 25-30 होंगे.

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अभी से ही माताओं में डर
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से ही माताएं अभी से सहमी हैं. राज्य बाल संरक्षण आयोग की पूर्व सदस्य और समाजसेवी सुनीता यादव ने कहा कि भगवान करें कि तीसरी लहर न आए पर अभी से ही तैयारियां कर लेने की जरूरत है.

सरकार ने शुरू कर दी तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारी शुरू कर दी है. रिम्स में बच्चों के लिए ICU और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड वाला वार्ड खोला जा रहा है. वहीं राज्य के अन्य जिला अस्पताल में भी बच्चा वार्ड खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

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