रांचीः भारत से दुनिया में सबसे अधिकर लोग हज के लिए मक्का जाते हैं. वहीं, इसके विपरीत झारखंड में इस साल हज यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है.
झारखंड में हज यात्रियों की संख्या घटी, सिर्फ 2085 हज यात्री जाएंगे मक्का - झारखंड खबर
एक तरफ जहां भारत दुनिया में सर्वाधिक हज यात्री भेजने वाला देश बन गया है. वहीं, झारखंड हज कमेटी के सदस्य हाजी एकरारुल हसन ने बताया कि सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म करने से हज महंगा हो गया. जिससे झारखंड से जाने वाले हाजियों में कमी आई है.
झारखंड मे हज यात्रियों की संख्या घटी
रांचीः भारत से दुनिया में सबसे अधिकर लोग हज के लिए मक्का जाते हैं. वहीं, इसके विपरीत झारखंड में इस साल हज यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है.
Intro: झारखंड के है यत्रियी कि संख्या घटी,जानते है इसकी वजह ,जबकि भारत बना सबसे है यात्री भेजने वाला देश
Body:एक तरफ इस वर्ष भारत दुनिया मे सर्वाधिक हज यात्री भेजने वाला देश बाण गया है।वही दूसरी ओर ठीक इसके विपरीत झारखंड में इस वर्ष हज यात्रियों की संख्या में कमी आयी है।
झारखंड राज्य से इस बार हज करने वालो की संख्या में बड़ी कमी आयी है।यहाँ से कुल 2085 हज यात्री मक्का मदीना के लिये उड़ान भरेंगे।जिनमे 1218 पुरुष व 867 खबातिन होंगी।जिलावार आंकड़ो को देखे तो सर्वाधिक 340 हजयात्री रांची से होंगे वही सबसे कम दुमका से सिर्फ 8 हज यात्री जा रहे है।
वैसे झारखंड के कोटा कुल 3300 का है वही पिछले साल के आंकड़ो पर गौर करे तो उसकी तुलना में इस साल 200 कम हज यात्री जा रहे है।
इसका कारण बताते हुए झारखंड हज कमिटी के सदस्य हाजी एकरारुल हसन ने बताया कि सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म करने से हज महंगा हो गया है।वही कहा कि झारखंड, प बंगाल जैसे गरीब राज्य के शेष कोटे के इस्तेमाल दिल्ली,गुजरात,महाराष्ट्र ,केरल जैसे राज्य करते है।वही कहा कि देश स्तर पर ये अच्छी बात हुई है कि 2.5 लाख कोटे के साथ दुनिया मे सर्वाधिक हज यात्री लाने वाला देश हो गया है।पहले ये दर्जा इंडोनेशिया को प्राप्त था।
bt-एकरारुल हसन-सदस्य,झारखंड हज कमिटी
वही हज यात्रिओ को शुभकामना दी गयी कि वे अपने तीर्थ मक्का मदीना जा कर हज का फर्ज अदा करें।जहां वे मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ करे।वही है यात्रियों ने भी अपने हज सफल यात्रा व कुशल वापसी की दुआए की।
bt-हज यात्री
bt-हज यात्री
Conclusion:हज के लिए कभी लॉटरी लगती थी,किस्मत वालो को हज की यात्रा नसीब होती थी,आज भी कई सम्पन्न राज्यो में लोगो की भीड़ देख लॉटरी की मदद ली जाती है।ऐसे में देश स्तर पर कोटा बढ़ाना एक अच्छा कदम है।लेकिन उन गरीब राज्य की गरीब अवाम का भी ख्याल होना चाहिए जो हज की यात्रा महज आर्थिक आभाव के कारण नही जा पाते है अल्लाह ताला की रहमत से बंचित रह जाते है
Body:एक तरफ इस वर्ष भारत दुनिया मे सर्वाधिक हज यात्री भेजने वाला देश बाण गया है।वही दूसरी ओर ठीक इसके विपरीत झारखंड में इस वर्ष हज यात्रियों की संख्या में कमी आयी है।
झारखंड राज्य से इस बार हज करने वालो की संख्या में बड़ी कमी आयी है।यहाँ से कुल 2085 हज यात्री मक्का मदीना के लिये उड़ान भरेंगे।जिनमे 1218 पुरुष व 867 खबातिन होंगी।जिलावार आंकड़ो को देखे तो सर्वाधिक 340 हजयात्री रांची से होंगे वही सबसे कम दुमका से सिर्फ 8 हज यात्री जा रहे है।
वैसे झारखंड के कोटा कुल 3300 का है वही पिछले साल के आंकड़ो पर गौर करे तो उसकी तुलना में इस साल 200 कम हज यात्री जा रहे है।
इसका कारण बताते हुए झारखंड हज कमिटी के सदस्य हाजी एकरारुल हसन ने बताया कि सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म करने से हज महंगा हो गया है।वही कहा कि झारखंड, प बंगाल जैसे गरीब राज्य के शेष कोटे के इस्तेमाल दिल्ली,गुजरात,महाराष्ट्र ,केरल जैसे राज्य करते है।वही कहा कि देश स्तर पर ये अच्छी बात हुई है कि 2.5 लाख कोटे के साथ दुनिया मे सर्वाधिक हज यात्री लाने वाला देश हो गया है।पहले ये दर्जा इंडोनेशिया को प्राप्त था।
bt-एकरारुल हसन-सदस्य,झारखंड हज कमिटी
वही हज यात्रिओ को शुभकामना दी गयी कि वे अपने तीर्थ मक्का मदीना जा कर हज का फर्ज अदा करें।जहां वे मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ करे।वही है यात्रियों ने भी अपने हज सफल यात्रा व कुशल वापसी की दुआए की।
bt-हज यात्री
bt-हज यात्री
Conclusion:हज के लिए कभी लॉटरी लगती थी,किस्मत वालो को हज की यात्रा नसीब होती थी,आज भी कई सम्पन्न राज्यो में लोगो की भीड़ देख लॉटरी की मदद ली जाती है।ऐसे में देश स्तर पर कोटा बढ़ाना एक अच्छा कदम है।लेकिन उन गरीब राज्य की गरीब अवाम का भी ख्याल होना चाहिए जो हज की यात्रा महज आर्थिक आभाव के कारण नही जा पाते है अल्लाह ताला की रहमत से बंचित रह जाते है
Last Updated : Jul 16, 2019, 12:30 PM IST