रांची: उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू के बाद सभी के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. झारखंड के मजदूरों को वापस लाने की तैयारी की जा रही है. झारखंड सरकार की ओर से इन मजदूरों को सहायता राशि देने की भी तैयारी है. झारखंड श्रम विभाग के कई अधिकारी उत्तराखंड पहुंचे हुए हैं और मजदूरों से संपर्क बनाए हुए हैं.
मजदूरों को किया गया ऋषिकेश शिफ्ट: बता दें कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिल्कयारा में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गये थे. मजदूरों को निकालने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए गए और 17 दिनों की लंबी मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जा सका. सुरंग से बाहर आने के बाद मजदूरों को स्वास्थ्य जांच के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. वहां उन्हें एक दिन रखा गया और उसके बाद सभी मजदूरों को ऋषिकेश शिफ्ट कर दिया गया. झारखंड सरकार के श्रम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगले दो दिनों तक मजदूरों की व्यापक स्वास्थ्य जांच की जायेगी. संपूर्ण स्वास्थ्य जांच के बाद मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा जाएगा.
झारखंड के 15 मजदूर: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 मजदूर झारखंड के थे, जो अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी मजदूरों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है. मजदूरों को रांची लाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा श्रम विभाग की ओर से मजदूरों को लाने के लिए अन्य उपाय भी किये जा रहे हैं.
उत्तराखंड सरकार ने दी सहायता राशि: श्रम विभाग के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक, फिलहाल उत्तराखंड में राज्य सरकार सभी मजदूरों का ख्याल रख रही है. श्रम विभाग के तीन शीर्ष अधिकारी मौजूद हैं. जिसमें श्रम विभाग के संयुक्त श्रमायुक्त राजेश प्रसाद खुद सभी मजदूरों के साथ रहकर उनकी स्थिति का जायजा ले रहे हैं. श्रम विभाग के कंट्रोल रूम से दी गई जानकारी में बताया गया कि सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये का चेक दिया गया है. झारखंड सरकार भी मजदूरों को सहायता देगी.
दो दिनों में मजदूर पहुंचेंगे घर: मालूम हो कि श्रम विभाग के प्रावधान के मुताबिक जो मजदूर काम के दौरान ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं और लंबे संघर्ष के बाद जिंदगी की जंग जीतते हैं, उनका का मनोबल बढ़ाने के लिए राज्य सरकार उन्हें 50,000 रुपये की मदद करती है. श्रम विभाग के अधिकारी भी मजदूरों के परिवारों से लगातार संपर्क में हैं और उन्हें बताया जा रहा है कि अगले दो दिनों में सभी मजदूर अपने-अपने घर पहुंच जाएंगे.
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