रांची: आने वाले समय आपको मोबाइल की तरह बिजली मीटर रिचार्ज (Electricity Meter Recharge) करने के लिए अलर्ट रहना होगा, नहीं तो थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए महंगा साबित होगा. जी हां रांची, धनबाद और जमशेदपुर में राज्य सरकार (State Government) ने इस वित्तीय वर्ष (Financial Year) तक पुराने बिजली मीटर को हटाकर नया प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में है. नाम के अनुरूप स्मार्ट मीटर काम भी स्मार्टली करेगा. जिसके लिए ऊर्जा विभाग (Department Of Energy) ने तैयारी पूरी कर ली है.
ये भी पढ़े- सीएम हेमंत सोरेन ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा, बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का दिया निर्देश
वर्ल्ड बैंक और राज्य सरकार के सहयोग से हो रहा है काम
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वर्ल्ड बैंक (World Bank) और राज्य सरकार (State Government) का संयुक्त प्रयास से हो रहा है. रांची में वर्ल्ड बैंक के 2.50 करोड़ की लागत से 3.50 लाख घरेलू और कमर्सियल बिजली मीटर बदले जायेंगे. इसी तरह से धनबाद और जमशेदपुर के तीन लाख घरों के मीटर राज्य सरकार के फंड से बदले जायेंगे. जेयूवीएनएल आईटी सेल (JUVNL IT Cell) के महाप्रबंधक संजय कुमार के अनुसार प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सारी प्रक्रिया 20 जुलाई तक पूरी कर ली जायेगी. टेक्निकल अप्रुवल वर्ल्ड बैंक (World Bank) से मिल चुका है. तीनों शहर में इस वित्तीय वर्ष में स्मार्ट मीटर लगने के बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी पुराने बिजली मीटर बदले जायेंगे.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर से ये मिलेगा लाभ
- निर्धारित पावर लोड से अधिक होते ही बत्ती हो जायेगी गुल. बिजली विभाग में लगे डाटा सेंटर को लोड की मिल जायेगी जानकारी और आप पर हो सकता है पैनेल्टी
- पैसा खत्म होते ही आपके घर की बत्ती गुल हो जायेगी. मोबाइल की तरह सेवा समाप्त होने से पहले रिचार्ज के लिए आपको अलर्ट रहना होगा.
- प्रीपेड स्मार्ट मीटर के जरिए विभाग को बिजली चोरी रुकने की उम्मीद है.
- बिजली बिल कलेक्शन का झंझट से विभाग को मुक्ति मिल जायेगी, यानी बिजली जलाने से पहले आपको पैसे खर्च करने होंगे.
- सिंगल फेज प्रीपेड स्मार्ट मीटर होने के कारण डोमेस्टिक और कमर्सियल कन्ज्यूमर के घर पर ही लगेंगे. इंडस्ट्री को इससे अलग रखा गया है.
- पुराने मीटर बदलते वक्त विभाग कन्जयूमर से मीटर की रीडिंग के साथ हस्ताक्षर करायेगा जिससे पुराने बिजली बिल वसुलने में कोई परेशानी ना हो.