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समग्र शिक्षा अभियान: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के घर तक पहुंचाई जाएंगी किताबें, कोरोना के मद्देनजर निर्णय

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत किताबों की आपूर्ति को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार सरकारी स्कूल के बच्चों की किताब विभाग की ओर से घर तक पहुंचाई जाएगी. इसे लेकर विभागीय स्तर पर राशि किताब आपूर्तिकर्ताओं को मुहैया करा दी गई है.

jharkhand government schools students will get books at home
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद
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Published : Apr 5, 2021, 1:04 PM IST

रांचीः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत किताबों की आपूर्ति को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. किताब मुहैया कराने वाले विभिन्न एजेंसी को राशि भी विभागीय स्तर पर उपलब्ध करा दी गई है. एनसीईआरटी समेत विभिन्न आपूर्तिकर्ता को रुपये दे दिए गए हैं. शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पहली बार जनजातीय भाषा की 3 लाख 20 हजार किताबें सरकार ले रही हैं.

इसे भी पढ़ें- 40 लाख स्कूली बच्चे प्रमोट होंगे, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने तैयार किया प्रस्ताव




35 हजार स्कूलों को किताबें मुहैया
राज्य के लगभग 35 हजार स्कूलों को किताबें मुहैया कराना है. स्कूलों की लाइब्रेरी में 25 करोड़ 35 लाख रुपये की किताबें भेजी जाएगी. इस योजना के तहत पहली बार 3 लाख से अधिक किताबें जनजातीय भाषा से जुड़ी होगी. विभागीय स्तर पर इसे लेकर राशि किताब आपूर्तिकर्ताओं को मुहैया करा दिया गया है. इसमें एनसीईआरटी, पब्लिकेशन डिविजन, टीआरआई, एनबीटी सीआईआईएल मैसूर को रुपये भेजे गए हैं. जनजातीय भाषा के किताबों की आपूर्ति टीआरआई करेगा. वहीं अन्य किताबों की आपूर्ति एनसीईआरटी समेत विभिन्न एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है. पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं की किताबों की आपूर्ति एजेंसियां करेंगी.

विद्यार्थियों के घर तक पहुंचाई जाएंगी किताबें
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार सरकारी स्कूल के बच्चों की किताब विभाग की ओर से घर तक पहुंचाई जाएगी. इसे लेकर एक योजना के तहत काम किया जाएगा.

रांचीः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत किताबों की आपूर्ति को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. किताब मुहैया कराने वाले विभिन्न एजेंसी को राशि भी विभागीय स्तर पर उपलब्ध करा दी गई है. एनसीईआरटी समेत विभिन्न आपूर्तिकर्ता को रुपये दे दिए गए हैं. शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पहली बार जनजातीय भाषा की 3 लाख 20 हजार किताबें सरकार ले रही हैं.

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35 हजार स्कूलों को किताबें मुहैया
राज्य के लगभग 35 हजार स्कूलों को किताबें मुहैया कराना है. स्कूलों की लाइब्रेरी में 25 करोड़ 35 लाख रुपये की किताबें भेजी जाएगी. इस योजना के तहत पहली बार 3 लाख से अधिक किताबें जनजातीय भाषा से जुड़ी होगी. विभागीय स्तर पर इसे लेकर राशि किताब आपूर्तिकर्ताओं को मुहैया करा दिया गया है. इसमें एनसीईआरटी, पब्लिकेशन डिविजन, टीआरआई, एनबीटी सीआईआईएल मैसूर को रुपये भेजे गए हैं. जनजातीय भाषा के किताबों की आपूर्ति टीआरआई करेगा. वहीं अन्य किताबों की आपूर्ति एनसीईआरटी समेत विभिन्न एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है. पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं की किताबों की आपूर्ति एजेंसियां करेंगी.

विद्यार्थियों के घर तक पहुंचाई जाएंगी किताबें
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार सरकारी स्कूल के बच्चों की किताब विभाग की ओर से घर तक पहुंचाई जाएगी. इसे लेकर एक योजना के तहत काम किया जाएगा.

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