रांची: प्रदेश में फैल रहे कोरोना वायरस पर लगाम लगाने और अंतर राज्य परिवहन की कड़ी मॉनिटरिंग को लेकर राज्य सरकार ने एक इंटर स्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल जारी किया है. इस प्रोटोकॉल के हिसाब से अब राज्य के बाहर से आने वाले सभी व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन होगा और उन्हें क्वारेंटाइन की अवधि पूरी करनी होगी.
इतना ही नहीं होम क्वॉरेंटाइन के दौरान उनके घर के बाहर पोस्टर चिपका दिया जाएगा, जिस पर होम क्वॉरेंटाइन की अवधि और उस व्यक्ति का नाम लिखा रहेगा. इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. जिसे जिलों के उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों भी भेज दिया गया है. इस प्रोटोकॉल के अनुसार अब वैसे जिलों के डिप्टी कमिश्नर की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, जिनकी सीमाएं दूसरे राज्यों से जुड़ती हैं.
क्या कहता है इंटर स्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल
इंटरस्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल के अनुसार हर व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन ऑर्डर की कॉपी दी जाए, जिसमें उन्हें यह बताया जाए कि उन्हें क्या करने और क्या नहीं करना है. जैसे ही व्यक्ति झारखण्ड में प्रवेश करे उसे इस बाबत बताया जाए. साथ ही पर्याप्त मात्रा में इलेक्शन के दौरान उंगलियों में लगाए जाने वाले इंक की व्यवस्था की जाए. ताकि होम क्वॉरेंटाइन के समय मार्क लगाने में उसका प्रयोग किया.
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रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस अड्डे पर बने हेल्प डेस्क
इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क बनाये जाएं. इंटर स्टेट बॉर्डर चेक पोस्ट पर वैसे लोगों का रजिस्ट्रेशन स्टेटस देखा जाए जो झारखंड आ रहे हैं या फिर यहां से वापस जा रहे हैं. सभी लोगों को व्यक्तिगत रूप से होम क्वॉरेंटाइन को लेकर दिशा-निर्देश बताया जाए. जो होम क्वॉरेंटाइन में है उनके घर पर उनकी स्थिति जानने के लिए रेंडम विजिट होगी. होम क्वॉरेंटाइन में जा रहे लोगों के घर के बाहर स्टिकर और पोस्टर चिपकाया जाए, ताकि जो होम क्वॉरेंटाइन में है उनका नाम और अवधि अंकित हो. बाहरी लोगों से ऐसे लोगों का मिलना वर्जित हो.
कमर्शियल वाहन को रखा दायरे से बाहर
प्रोटोकॉल के अनुसार अगर होम क्वॉरेंटाइन सही तरीके से नहीं होता है, तो इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है. जिला प्रशासन को ऐसा लगता है कि होम क्वॉरेंटाइन नहीं माना जा रहा है तो वैसे व्यक्ति को तुरंत संस्थागत या पेड क्वॉरेंटाइन में शिफ्ट कर दिया जाए. साथ ही सामाजिक पुलिसिंग भी तय की जाए और स्थानीय लोगों को भी इसमें जोड़ा जाए. इस बाबत गृह और आपदा विभाग से जारी चिट्ठी का भी पर्याप्त इंप्लीमेंटेशन होना चाहिए. जिला के उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अंतर राज्य बॉर्डर पर चेक पोस्ट बने. वहीं वाणिज्यिक वाहनों को दिक्कत न हो और उन्हें इससे छूट मिलनी चाहिए. प्रावधान के अनुसार दूसरे इलाकों से झारखंड आ रहे वाणिज्यिक वाहनों के लिए इस प्रोटोकॉल से छूट दी गई है, जिसे सुनिश्चित करने के लिए जिले के उपायुक्त को जिम्मेदारी दी गई है.