रांची: वैश्विक महामारी के मद्देनजर 17 मई को समाप्त होने वाले तीसरे लॉकडाउन के बाद चौथे लॉकडाउन की संभावनाओं के बीच झारखंड सरकार ने केंद्र को भेजा जाने वाला सुझाव तैयार कर लिया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शुक्रवार की सुबह इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के साथ राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई है.
इस बैठक में आपदा विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा मौजूद रहे. सूत्रों के अनुसार सुझाव की कॉपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी गई है और औपचारिक हरी झंडी मिलने के बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. दरअसल राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता में अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाना है. ऐसे में भेजे गए प्रस्ताव में इस बिंदु का उल्लेख तय माना जा रहा है. अब तक झारखंड में 44 ट्रेनें आ चुकी हैं, जबकि 56 नई ट्रेनों के लिए राज्य सरकार ने एनओसी दे दिया है.
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जीएसटी में स्टेट के शेयर की होगी डिमांड
वहीं, दूसरी तरफ 1अप्रैल 2020 को शुरू हुए वित्त वर्ष में अब तक राज्य सरकार का रेवेन्यू कलेक्शन महज 37% हुआ है. ऐसे में केंद्र से राज्य के जीएसटी के हिस्से और माइनिंग से जुड़े हिस्से को लेकर राशि की मांग की जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन 4 में रेड जोन को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में राज्य सरकार अपने रिवेन्यू कलेक्शन के दायरे को फैलाने का विचार कर रही है.