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सहायक आचार्य भर्ती पर रोक से झारखंड सरकार को लगा झटका, झारखंड हाईकोर्ट के आदेश का मंथन करने में जुटी सरकार

झारखंड हाईकोर्ट के सहायक आचार्य भर्ती पर रोक लगाने से हेमंत सरकार को झटका लगा है. सरकार हाईकोर्ट के आदेश का मंथन करने में जुटी है.

High Court ban on appointment of teachers
High Court ban on appointment of teachers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 6, 2023, 3:29 PM IST

रांची: सहायक आचार्य भर्ती विज्ञापन पर झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा लगाई गई रोक से जहां राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. वहीं, 26 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. इधर, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही इस संबंध में नोटिस जारी कर इस परीक्षा के लिए भरे जा रहे ऑनलाइन आवेदन पर रोक लगाने जा रही है. आयोग से मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के द्वारा मंगलवार को दिए गए इस आदेश की कॉपी मिलते ही इस पर समुचित निर्णय लिए जायेंगे.

ये भी पढ़ें- सहायक आचार्य नियुक्ति के विज्ञापन पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, पारा शिक्षकों के आरक्षण वाली नियमावली को दी गई थी चुनौती

गौरतलब है कि 26001 सहायक आचार्य की भर्ती के लिए आयोग के द्वारा ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया 15 सितंबर तक निर्धारित है. इधर हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार को निराशा हाथ लगी है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य में 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति पर फिलहाल ग्रहण जरूर लगा है. न्यायादेश का पालन करते हुए विभागीय सचिव इसका जवाब देंगे और जो कुछ भी त्रुटियां होगी उसे पर सरकार के अंदर विचार किया जाएगा और न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा.

सहायक आचार्य भर्ती में पारा शिक्षकों को 50% आरक्षण को चुनौती: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सहायक आचार्य भर्ती में पारा शिक्षकों को 50 फ़ीसदी आरक्षण देने को लेकर चुनौती दी गई थी. इस संबंध में बीआरपी बहादुर महतो एवं अन्य के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सहायक आचार्य नियुक्ति की वर्ष 2023 में बनी नियमावली में संविदा पर कार्यरत बीआरपी और सीआरपी को आरक्षण से वंचित करने के खिलाफ न्यायालय में गुहार लगाया गया था.

इधर, झारखंड हाई कोर्ट के इस निर्णय पर इस परीक्षा में शामिल होने की चाहत रखने वाले अभ्यार्थियों को भी निराशा हाथ लगी है. हालांकि, जिन पारा शिक्षकों के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान रखा गया था वह भी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ चल रहे थे. टेट पास पारा शिक्षक इस नियुक्ति परीक्षा का विरोध कर रहे थे. टेट पास पारा शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार कहते हैं कि सरकार को वेतनमान देना चाहिए ना कि 20 वर्षों से स्कूलों में पढा रहे पारा शिक्षकों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर करना चाहिए.

विवाद में आया 26001 सहायक आचार्य भर्ती: राज्य में पहली बार एक साथ 26001 सहायक अध्यापकों की बहाली प्रक्रिया शुरू होते ही इस पर सवाल उठने लगे थे. छात्रों के विभिन्न संगठनों के द्वारा इस विज्ञापन में कई तरह की त्रुटि होने की शिकायत की जाती रही. इसके बावजूद भी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जारी रहा. आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में पारा शिक्षकों के लिए 12868 पद और गैर पारा शिक्षकों के लिए 13133 पद आरक्षित थे. पहली से पांचवी कक्षा तक के लिए इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य की भर्ती में पारा शिक्षकों के लिए 5469 और छठी से आठवीं तक के लिए सहायक आचार्य की नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 7399 पद आरक्षित किए गए थे.

रांची: सहायक आचार्य भर्ती विज्ञापन पर झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा लगाई गई रोक से जहां राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. वहीं, 26 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. इधर, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही इस संबंध में नोटिस जारी कर इस परीक्षा के लिए भरे जा रहे ऑनलाइन आवेदन पर रोक लगाने जा रही है. आयोग से मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के द्वारा मंगलवार को दिए गए इस आदेश की कॉपी मिलते ही इस पर समुचित निर्णय लिए जायेंगे.

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गौरतलब है कि 26001 सहायक आचार्य की भर्ती के लिए आयोग के द्वारा ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया 15 सितंबर तक निर्धारित है. इधर हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार को निराशा हाथ लगी है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य में 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति पर फिलहाल ग्रहण जरूर लगा है. न्यायादेश का पालन करते हुए विभागीय सचिव इसका जवाब देंगे और जो कुछ भी त्रुटियां होगी उसे पर सरकार के अंदर विचार किया जाएगा और न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा.

सहायक आचार्य भर्ती में पारा शिक्षकों को 50% आरक्षण को चुनौती: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सहायक आचार्य भर्ती में पारा शिक्षकों को 50 फ़ीसदी आरक्षण देने को लेकर चुनौती दी गई थी. इस संबंध में बीआरपी बहादुर महतो एवं अन्य के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सहायक आचार्य नियुक्ति की वर्ष 2023 में बनी नियमावली में संविदा पर कार्यरत बीआरपी और सीआरपी को आरक्षण से वंचित करने के खिलाफ न्यायालय में गुहार लगाया गया था.

इधर, झारखंड हाई कोर्ट के इस निर्णय पर इस परीक्षा में शामिल होने की चाहत रखने वाले अभ्यार्थियों को भी निराशा हाथ लगी है. हालांकि, जिन पारा शिक्षकों के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान रखा गया था वह भी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ चल रहे थे. टेट पास पारा शिक्षक इस नियुक्ति परीक्षा का विरोध कर रहे थे. टेट पास पारा शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार कहते हैं कि सरकार को वेतनमान देना चाहिए ना कि 20 वर्षों से स्कूलों में पढा रहे पारा शिक्षकों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर करना चाहिए.

विवाद में आया 26001 सहायक आचार्य भर्ती: राज्य में पहली बार एक साथ 26001 सहायक अध्यापकों की बहाली प्रक्रिया शुरू होते ही इस पर सवाल उठने लगे थे. छात्रों के विभिन्न संगठनों के द्वारा इस विज्ञापन में कई तरह की त्रुटि होने की शिकायत की जाती रही. इसके बावजूद भी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जारी रहा. आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में पारा शिक्षकों के लिए 12868 पद और गैर पारा शिक्षकों के लिए 13133 पद आरक्षित थे. पहली से पांचवी कक्षा तक के लिए इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य की भर्ती में पारा शिक्षकों के लिए 5469 और छठी से आठवीं तक के लिए सहायक आचार्य की नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 7399 पद आरक्षित किए गए थे.

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