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एफसीआई गोदामों में है पर्याप्त अनाज, खुला बाजार बिक्री योजना के तहत राज्य सरकार खरीद सकती है गेहूं और चावल

झारखंड सरकार एफसीआई से खुला बाजार बिक्री योजना के तहत चावल और गेहूं खरीदेगी. इसके बाद उसे लाभुकों को दिया जाएगा. पहले केंद्र सरकार ही राज्य को अनाज मुहैया कराती थी. लेकिन स्कीम बंद हो जाने के बाद अब राज्य सरकार को ही अनाज खरीद कर लाभार्थियों को मुहैया कराना होता है.

Jharkhand government can buy wheat and rice under open market
Jharkhand government can buy wheat and rice under open market
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Published : Jul 28, 2023, 7:17 PM IST

भारतीय खाद्य निगम के रांची क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार

रांची: खाद्यान्नों के दामों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए भारतीय खाद्य निगम ने खुला बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत गेहूं की बिक्री करेगी. जिसके तहत 100 एमटी तक झारखंड के एफएसएसआई लाइसेंसधारी गेहूं ले सकते हैं. भारतीय खाद्य निगम के रांची क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार के अनुसार इस योजना से जहां बाजार में आटा या गेहूं के दामों में हो रही वृद्धि पर ब्रेक लगेगी. वहीं एक लाइसेंसधारी को सीमित गेहूं देने से कालाबाजारी भी नहीं होगी. वास्तविक फ्लावर मिलर को या इससे संबंधित फॉर्म या व्यक्ति को ही एलॉटमेंट मिलेगा. गौरतलब है कि मार्च 2023 में भारत सरकार के आदेश पर शुरू की गई खुली बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत गेहूं का बिक्री राज्य में किया जा रहा है जिसके तहत जुलाई महीने में विभाग ने अभी तक 12713 एमटी गेहूं को खुली बाजार में बिक्री की है.

ये भी पढ़ें: Giridih News: पीडीएस डीलरों के अनाज में सेंधमारी, एफसीआई गोदाम पर लग रहे ये आरोप

एफसीआई महाप्रबंधक मनोज कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि झारखंड में पर्याप्त मात्रा में एफसीआई के गोदामों में खाद्यान्न उपलब्ध है. 2 माह का बफर स्टॉक राज्य में बना हुआ है जो कि खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत झारखंड के सभी 24 जिलों में राज्य सरकार के सहयोग से 2.64 करोड़ कार्ड धारकों को प्रतिमाह लगभग 1.36 लाख एमटी खाद्यान्नों को एफसीआई निशुल्क प्रदान कर रही है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ वर्तमान में अन्य कल्याणकारी योजना जैसे मध्यान्ह योजना, आईसीडीएस डब्ल्यू.बी.एन.पी के माध्यम से लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.

वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अलावा लगभग 1.68 लाख एमटी अतिरिक्त खाद्यान्न अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत झारखंड के लाभार्थियों को उपलब्ध कराया गया है. झारखंड सरकार के द्वारा एफसीआई से अनाज नहीं मिलने की शिकायत पर महाप्रबंधक ने सफाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसमें उन्हें अपने स्तर से अनाज खरीद कर लाभुकों को देना है. ग्रीन कार्ड धारक जिनको अनाज नहीं मिलने की परेशानी हो रही है, उसे दूर करने के लिए सरकार एफसीआई द्वारा खुला बाजार बिक्री योजना के माध्यम से चावल गेहूं खरीद कर उन्हें मुहैया करा सकती है. पहले केंद्र सरकार के द्वारा राज्य को उपलब्ध कराई जाती थी मगर वह स्कीम बंद हो जाने के बाद राज्य को अब खुद खरीद कर उन्हें मुहैया कराना है.

झारखंड के एफसीआई गोदामों में 3.85 लाख एमटी भंडारण क्षमता है. राज्य के सभी जिलों में एफसीआई की 42 गोदाम हैं. इन गोदामों के भंडारण क्षमता को बढ़ाने की तैयारी चल रही है जिसके तहत पिछले 1 वर्ष में पाकुड़ और डाल्टनगंज में करीब 23000 एमटी क्षमता को बढ़ाया गया है तथा आने वाले समय में गढ़वा रेहला और गिरिडीह में करीब 15,000 एमटी क्षमता बढ़ाने की तैयारी है. इसके अलावा इटखोरी, चाईबासा,दुमका और पोड़ैयाहाट में करीब 60000 एमटी क्षमता जल्द ही बढ़ने वाला है.

भारतीय खाद्य निगम के रांची क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार

रांची: खाद्यान्नों के दामों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए भारतीय खाद्य निगम ने खुला बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत गेहूं की बिक्री करेगी. जिसके तहत 100 एमटी तक झारखंड के एफएसएसआई लाइसेंसधारी गेहूं ले सकते हैं. भारतीय खाद्य निगम के रांची क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार के अनुसार इस योजना से जहां बाजार में आटा या गेहूं के दामों में हो रही वृद्धि पर ब्रेक लगेगी. वहीं एक लाइसेंसधारी को सीमित गेहूं देने से कालाबाजारी भी नहीं होगी. वास्तविक फ्लावर मिलर को या इससे संबंधित फॉर्म या व्यक्ति को ही एलॉटमेंट मिलेगा. गौरतलब है कि मार्च 2023 में भारत सरकार के आदेश पर शुरू की गई खुली बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत गेहूं का बिक्री राज्य में किया जा रहा है जिसके तहत जुलाई महीने में विभाग ने अभी तक 12713 एमटी गेहूं को खुली बाजार में बिक्री की है.

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एफसीआई महाप्रबंधक मनोज कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि झारखंड में पर्याप्त मात्रा में एफसीआई के गोदामों में खाद्यान्न उपलब्ध है. 2 माह का बफर स्टॉक राज्य में बना हुआ है जो कि खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत झारखंड के सभी 24 जिलों में राज्य सरकार के सहयोग से 2.64 करोड़ कार्ड धारकों को प्रतिमाह लगभग 1.36 लाख एमटी खाद्यान्नों को एफसीआई निशुल्क प्रदान कर रही है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ वर्तमान में अन्य कल्याणकारी योजना जैसे मध्यान्ह योजना, आईसीडीएस डब्ल्यू.बी.एन.पी के माध्यम से लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.

वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अलावा लगभग 1.68 लाख एमटी अतिरिक्त खाद्यान्न अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत झारखंड के लाभार्थियों को उपलब्ध कराया गया है. झारखंड सरकार के द्वारा एफसीआई से अनाज नहीं मिलने की शिकायत पर महाप्रबंधक ने सफाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसमें उन्हें अपने स्तर से अनाज खरीद कर लाभुकों को देना है. ग्रीन कार्ड धारक जिनको अनाज नहीं मिलने की परेशानी हो रही है, उसे दूर करने के लिए सरकार एफसीआई द्वारा खुला बाजार बिक्री योजना के माध्यम से चावल गेहूं खरीद कर उन्हें मुहैया करा सकती है. पहले केंद्र सरकार के द्वारा राज्य को उपलब्ध कराई जाती थी मगर वह स्कीम बंद हो जाने के बाद राज्य को अब खुद खरीद कर उन्हें मुहैया कराना है.

झारखंड के एफसीआई गोदामों में 3.85 लाख एमटी भंडारण क्षमता है. राज्य के सभी जिलों में एफसीआई की 42 गोदाम हैं. इन गोदामों के भंडारण क्षमता को बढ़ाने की तैयारी चल रही है जिसके तहत पिछले 1 वर्ष में पाकुड़ और डाल्टनगंज में करीब 23000 एमटी क्षमता को बढ़ाया गया है तथा आने वाले समय में गढ़वा रेहला और गिरिडीह में करीब 15,000 एमटी क्षमता बढ़ाने की तैयारी है. इसके अलावा इटखोरी, चाईबासा,दुमका और पोड़ैयाहाट में करीब 60000 एमटी क्षमता जल्द ही बढ़ने वाला है.

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