रांची: झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही के पिता हेमेंद्र प्रताप देहाती का शनिवार देर शाम निधन हो गया. हेमेंद्र प्रताप देहाती पिछले कई दिनों से रिम्स रांची में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था (Hemendra Pratap Dehati passed away in RIMS). भानू प्रताप शाही के पिता की अत्याधिक उम्र होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था और वह रिम्स के पेइंग वार्ड में अपना इलाज करवा रहे थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके निधन पर सीएम हेमंत सोरेन ने भी दुख जताया है.
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दिसंबर के पहले महीने में ही हेमेंद्र प्रताप शाही की तबीयत खराब हो गई. डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिसके बाद उनको रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया था. हेमेंद्र प्रताप देहाती के निधन को लेकर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन ने कहा कि डॉक्टरों की निगरानी में पिछले कई दिनों से उनका इलाज चल रहा था. लेकिन उनको सांस लेने में लगातार आ रही समस्या और अधिक उम्र होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर बनती चली गई. बेहतर इलाज और उचित दवा मिलने के बावजूद भी शनिवार को उनका निधन हो गया.
बाबूलाल मरांडी ने रिम्स पहुंचकर किए अंतिम दर्शनः हेमेंद्र प्रताप देहाती भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक भानु प्रताप शाही के पिता हैं और वह खुद भी राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री काल में लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती स्वास्थ्य मंत्री के रूप में राज्य की सेवा दे चुके हैं. हेमेंद्र प्रताप देहाती के निधन के बाद रिम्स अस्पताल में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी पहुंचे, अंतिम दर्शन कर उनके परिजनों को सांत्वना दी. हेमेंद्र प्रताप देहाती के निधन की सूचना मिलते ही राज्य के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.
पलामू प्रमंडल के कई नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक जताते हुए कहा कि समाजवादी नेता एवं पूर्व मंत्री हेमेंद्र प्रताप देहाती जी की आत्मा को भगवान शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस दुखद घड़ी में दुख सहने का शक्ति दे.
सादगी भरा जीवन जीते थे हेमेंद्रः हेमेंद्र प्रताप देहाती जन्म गढ़वा जिला के कधवन गांव में वर्ष 1929 में एक जमींदार परिवार में हुआ था. बड़े परिवार में जन्म लेने के बावजूद भी उस वक्त वह सादगी भरे जीवन जीने पर विश्वास करते थे. जाति, अमीरी-गरीबी, ऊंच-नीच, छुआछूत जैसे सामाजिक कुरीतियों को हटाने में हेमेंद्र प्रताप शाही ने अहम भूमिका निभाई. अपनी सादगी भरे स्वभाव और जनता के प्रति प्यार के भाव की वजह से हेमेंद्र प्रताप देहाती का राजनीतिक सफर लगातार आगे बढ़ता रहा. हेमेंद्र प्रताप देहाती 1950 के दशक से ही राजनीतिक में सक्रिय हैं. वर्ष 1969 में वो पहली बार विधायक बने, उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ कर कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया था.
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93 साल की उम्र में भी जन समस्याओं को लेकर किया था अनशनः विधायक बनने से पहले वह अपने गांव के मुखिया के रूप में भी लोगों की सेवा कर चुके थे. झारखंड बनने के बाद वो मधु कोड़ा के शासनकाल में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने. अपनी सेवा भाव और जन समस्याओं को लेकर मुखर रहने वाले हेमेंद्र उम्र के आखिरी पड़ाव में भी संघर्षशील रहे. 93 साल की उम्र में भी हेमेंद्र प्रताप देहाती कुछ माह पहले ही अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर अनशन पर बैठे थे. जिसकी राजनीतिक गलियारों एवं आम लोगों के बीच खूब चर्चा हुई थी.