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Jharkhand Excise Policy: झारखंड में शराब बेच रही इस राज्य की कंपनी पर लगा घोटाले का आरोप, संघ ने दिया 3500 करोड़ राजस्व का ऑफर - झारखंड में शराब की बिक्री को लेकर महाभारत

झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की कंसलटेंट कंपनी को हटा दिया है. इसके बाद नया बखेड़ा शुरू हो गया है. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने कंपनी के कार्य की जांच की मांग की है.

Jharkhand Excise Policy
झारखंड शराब व्यापारी संघ
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Published : Mar 11, 2023, 3:04 PM IST

Updated : Mar 11, 2023, 9:53 PM IST

शराब व्यवसायी संघ का बयान

रांचीः झारखंड में शराब की बिक्री को लेकर महाभारत जारी है. शराब बेचने को नियुक्त छत्तीसगढ़ सरकार की कंसलटेंट कंपनी को पिछले दिनों हटाने के बाद बवाल और बढ़ गया है. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने कंपनी के ऊपर घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि प्लेसमेंट एजेंसी ने साढे़ चार महीने तक बिना बैंक गारंटी के काम कैसे किया, इसकी जांच होनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू होने के पहले दिन ही फेल हो गई सरकार, नहीं बेच पाई शराब, बंद रही दुकानें

संघ ने पहले ही किया था विरोधः झारखंड शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष अचिंत कुमार साह और महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने शनिवार को चेंबर भवन में मीडिया कर्मियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजस्व की क्षति कैसे हुई इसकी जांच होनी चाहिए. अधिकारियों की वजह से सरकार को भारी राजस्व की क्षति हुई है. कंसलटेंट एजेंसी नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकार को घाटा पहुंचाती रही. महासचिव सुबोध ने कहा कि कंपनी को कंसलटेंट नियुक्त करने का विरोध संघ ने पहले ही किया था, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी.

झारखंड में भी सामने आएगा शराब घोटाला: अचिंत कुमार ने कहा कि कंपनी को 2300 करोड़ राजस्व देना था मगर फरवरी तक 1700 करोड़ ही राजस्व दे पाई. इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व की क्षति उठानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं दिल्ली और छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी शराब घोटाला सामने आएगा. अचिंत कुमार ने मांग है कि मुख्यमंत्री इसकी जांच कराएं. बिना बैंक गारंटी के साढे़ चार महीने तक काम किसके आदेश पर हुई, इसकी जांच हो. अचिंत कुमार ने सवाल किया कि राज्य में आए दिन अवैध शराब मिल रही है. इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी है?

संघ ने दिया 3500 करोड़ राजस्व का ऑफर: झारखंड शराब व्यापारी संघ ने राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2023- 24 में पुरानी व्यवस्था के तहत खुदरा शराब दुकान की बंदोबस्ती निजी हाथों में सौंपने की मांग की. संघ ने 3500 करोड़ राजस्व देने का ऑफर सरकार को दिया है. सौंपे ज्ञापन में व्यापारी संघ ने कहा है कि राज्य सरकार बंगाल, उत्तर प्रदेश की तरह झारखंड में भी शराब के दामों को कम करें. पुरानी व्यवस्था के तहत निजी हाथों में देकर शराब बेचने का काम करे. झारखंड में बंगाल और उत्तर प्रदेश से चोर दरवाजे से शराब की बिक्री हो रही है. गौरतलब है कि राजस्व बढ़ाने के लिए नयी उत्पाद नीति लागू की गई थी. जिसके तहत छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था.

शराब व्यवसायी संघ का बयान

रांचीः झारखंड में शराब की बिक्री को लेकर महाभारत जारी है. शराब बेचने को नियुक्त छत्तीसगढ़ सरकार की कंसलटेंट कंपनी को पिछले दिनों हटाने के बाद बवाल और बढ़ गया है. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने कंपनी के ऊपर घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि प्लेसमेंट एजेंसी ने साढे़ चार महीने तक बिना बैंक गारंटी के काम कैसे किया, इसकी जांच होनी चाहिए.

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संघ ने पहले ही किया था विरोधः झारखंड शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष अचिंत कुमार साह और महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने शनिवार को चेंबर भवन में मीडिया कर्मियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजस्व की क्षति कैसे हुई इसकी जांच होनी चाहिए. अधिकारियों की वजह से सरकार को भारी राजस्व की क्षति हुई है. कंसलटेंट एजेंसी नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकार को घाटा पहुंचाती रही. महासचिव सुबोध ने कहा कि कंपनी को कंसलटेंट नियुक्त करने का विरोध संघ ने पहले ही किया था, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी.

झारखंड में भी सामने आएगा शराब घोटाला: अचिंत कुमार ने कहा कि कंपनी को 2300 करोड़ राजस्व देना था मगर फरवरी तक 1700 करोड़ ही राजस्व दे पाई. इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व की क्षति उठानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं दिल्ली और छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी शराब घोटाला सामने आएगा. अचिंत कुमार ने मांग है कि मुख्यमंत्री इसकी जांच कराएं. बिना बैंक गारंटी के साढे़ चार महीने तक काम किसके आदेश पर हुई, इसकी जांच हो. अचिंत कुमार ने सवाल किया कि राज्य में आए दिन अवैध शराब मिल रही है. इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी है?

संघ ने दिया 3500 करोड़ राजस्व का ऑफर: झारखंड शराब व्यापारी संघ ने राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2023- 24 में पुरानी व्यवस्था के तहत खुदरा शराब दुकान की बंदोबस्ती निजी हाथों में सौंपने की मांग की. संघ ने 3500 करोड़ राजस्व देने का ऑफर सरकार को दिया है. सौंपे ज्ञापन में व्यापारी संघ ने कहा है कि राज्य सरकार बंगाल, उत्तर प्रदेश की तरह झारखंड में भी शराब के दामों को कम करें. पुरानी व्यवस्था के तहत निजी हाथों में देकर शराब बेचने का काम करे. झारखंड में बंगाल और उत्तर प्रदेश से चोर दरवाजे से शराब की बिक्री हो रही है. गौरतलब है कि राजस्व बढ़ाने के लिए नयी उत्पाद नीति लागू की गई थी. जिसके तहत छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था.

Last Updated : Mar 11, 2023, 9:53 PM IST
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