रांची: झारखंड ऊर्जा विकास निगम के कल्याण कोष में करोड़ों का घोटाला हुआ है. कल्याण कोष से 2.33 करोड़ की अवैध निकासी का सनसनीखेज मामला (Energy Development Corporation Welfare Fund Scam) सामने आया है. इसको लेकर निगम के वित्त एवं लेखा विभाग के महाप्रबंधक अजय कुमार ने रांची के धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. मामले की जांच शुरू हो गयी है. पुलिस इस मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल है इस बात का पता लगा रही है.
यह भी पढ़ें: निलंबित IAS पूजा सिंघल का कराया गया एमआरआई, सीने में दर्द की शिकायत के बाद हो रही जांच
एक आरोपी गिरफ्तार: झारखंड ऊर्जा विकास निगम में घोटाला को लेकर एफआईआर में यह बताया गया है कि निगम में काम करने वाले फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी अरविंद कुमार ने ही पैसे गायब करने की साजिश रची थी. कल्याण कोष से अवैध निकासी का यह मामला साल 2014-2018 के बीच का है. ऑडिट के बाद पैसे के गबन के संबंधित मामले की जानकारी ऊर्जा विकास निगम को हुई, जिसके बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई (Energy Development Corporation Scam in jharkhand) गई. वहीं इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रांची के मोराबादी इलाके से अरविंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है उससे पूछताछ की जा रही है.
चेक क्लोन का अंदेशा: निगम के अधिकारियों के मुताबिक कल्याण कोष के जांच के दौरान यह पता चला कि कोष से संबंधित रोकड़, बही, चेक बुक, चेक लिस्ट सब गायब है. इसके बाद अधिकारियों ने बैंक ऑफ इंडिया से एक अगस्त 2006 से लेकर 19 सितंबर 2022 तक का स्टेटमेंट निकलवाया. तब यह जानकारी मिली कि दो करोड़ 33 लाख 51 हजार आठ सौ तीन रुपए की अवैध निकासी की गई है. जिस समय अवैध निकासी किया गया था उस समय रोकड़ शाखा में अरविंद कुमार की ड्यूटी थी. पूरी छानबीन करने के बाद ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई.
कल्याण कोष में करोड़ों का घोटाला को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि चेक लोन के माध्यम से या निकासी की गई है, इसमें कई अन्य लोगों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मामले में फिलहाल एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस अवैध निकासी में और कौन-कौन लोग शामिल है इसका पता लगाया जा रहा है.