रांचीः नियोजन नीति में 60-40 का अनुपात झारखंड सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. पूरे राज्य का सियासी पारा हाई है. इसका असर 13 मार्च से दोबारा शुरू हुए सदन की कार्यवाही में दिख रहा है. विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है और मुख्यमंत्री नियोजन नीति के मुद्दे पर मौन हैं. नियोजन नीति में बाहरी के 40 प्रतिशत शामिल करने से युवाओं में रोष है. उनका कहना है कि ऐसे में बाहरी लोगों का दबदबा यहां की परीक्षाओं में होगा. जिससे यहां के मूल निवासियों के हक का हनन होगा. युवा मुख्यमंत्री से यह भी सवाल कर रहे हैं कि 1932 के दांवों का क्या हुआ?
भाजपा-आजसू को बैठे बिठाए मिला मुद्दाः भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरने वाली बीजेपी-आजसू को नियोजन नीति का मुद्दा बैठे बिठाए मिल गया. अब इसे लेकर खूब राजनीति हो रही है. बीजेपी-आजसू इसे लेकर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. 13 मार्च से फिर से शुरू हुई सदन की कार्यवाही में नियोजन नीति का मुद्दा छाया हुआ है. विधानसभा में गतिरोध जारी रहा. विपक्ष की सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश सदन में जारी है. बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई बीजेपी के विधायक सदन में हंगामा करने लगे. मुद्दे पर दिन में 4 बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. अंत में भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन से वॉक आउट कर गए.
नियोजन नीति पर सुदेश ने मांगा मुख्यमंत्री का वक्तव्यः भारतीय जनता पार्टी के अलावे सदन में आजसू विधायक सरकार को घेरते नजर आए. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने सदन में जारी गतिरोध पर विधानसभा अध्यक्ष से समाधान का रास्ता निकालने का आग्रह किया. कहा सभी दल के विधायकों के साथ कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाकर इसका हल निकाला जाए. उन्होंने कहा कि नियोजन नीति के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सदन में वक्तव्य देना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो राज्य के युवाओं के मन में हो रही तरह-तरह की आशंका का समाधान नहीं हो सकेगा. इसलिए हम लोग बार-बार सदन से मुख्यमंत्री को बोलने के लिए आग्रह कर रहे हैं.
चर्चा किए बगौर ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग पासः यह पहला अवसर होगा जब कटौती प्रस्ताव पर चर्चा किए बिना सदन से ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग पास कर दी गई. इस तरह से ग्रामीण विकास विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा बगैर कटौती प्रस्ताव के अंत तक पास कर दिया गया. सदन की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित करने करने की घोषणा स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने की.
#60_40_नाय_चलतो अब तक का सबसे बड़ा कैंपेनः गौरतलब है कि नियोजन नीति का विरोध करने के लिए युवाओं ने 10 मार्च को डिजिटल प्लेटफॉर्म का रास्ता चुना. जिसमें ट्विटर पर #60_40_नाय_चलतो का नारा बुलंद किया. जिसे एक दावे के अनुसार 5 लाख युवाओं का समर्थन प्राप्त हुआ. शुक्रवार के दिन #60_40_नाय_चलतो भारत में टॉप ट्रेंडिंग में था. जिसने झारखंड की सियासत को हिला कर रख दिया. राज्य के इतिहास में इसके पहले इतना बड़ा डिजिटल कैंपेन नहीं हुआ था. जिसमें किसी मुद्दे पर झारखंड के पांच लाख युवाओं ने अपना समर्थन दिया हो.
भगवा रंग के टी शर्ट का सत्ता पक्ष ने किया विरोधः बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक के गेरुआ रंग के टी शर्ट पहनकर सदन में आना चर्चा का विषय बना रहा. भोजनावकाश के बाद जब सभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रदीप यादव ने भाजपा विधायकों के टी-शर्ट को अव्यवस्था का हिस्सा बताते हुए स्पीकर से आग्रह किया कि सभी भाजपा विधायकों को टी शर्ट उतारना चाहिए. प्रदीप यादव के वेल में आने के बाद सत्ता पक्ष के कई विधायक भी वेल में पहुंचे. जवाब में भाजपा विधायक भी वेल में पहुंचे और सदन हंगामेदार हो गया. भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा कि हाउस आर्डर में आएगा तभी वह कटौती प्रस्ताव पर अपना भाषण देंगे. स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील कि की व्यवस्था के नाम पर सदन में अव्यवस्था ना फैलाएं.
झामुमो ने भी सदन में पहना था 1932 लिखा टी शर्टः दरअसल प्रदीप यादव ने कहा कि अगर स्लोगन आधारित प्रिंटेड टी-शर्ट पहनकर भाजपा के विधायक भाषण देंगे तो यह व्यवस्था का मामला होगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कल को अंडरवियर कोई पहन कर भी कोई बोलने के लिए खड़ा हो जाएगा. स्पीकर ने कहा कि वह सिर्फ आग्रह कर सकते हैं. पक्ष-विपक्ष के हंगामे की वजह से सभा की कार्यवाही फिर से दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा कि जब 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता का बिल सदन में आया था तब सत्ता पक्ष के कई विधायक 1932 का प्रिंटेड टी-शर्ट पहनकर पहुंचे थे. लेकिन जब विपक्षी विधायक 1932 का लिखा हुआ प्रिंटेड शर्ट पहन कर बोलना चाह रहे हैं तो इस पर आपत्ति क्यों है?
स्पीकर ने टी-शर्ट को हटाने का किया बार-बार आग्रह: नीलकंठ सिंह मुंडा के इस वक्तव्य के बाद सभा की कार्यवाही एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ी. स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने भाजपा विधायकों से स्लोगन युक्त टी-शर्ट हटाने का बार-बार आग्रह करते हुए नजर आए. हंगामे की वजह से सभा की कार्यवाही एक बार फिर अपराह्न 3:45 तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. स्थगन के बाद जैसे ही सभा की कार्यवाही शुरू हुई एक बार फिर भाजपा विधायक नारेबाजी करने लगे और अंत में सदन से वाक-ऑउट कर गए.