ETV Bharat / state

शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र, अनुबंधित प्रोफेसरों को मानदेय देने का दिया निर्देश - Honorarium to contracted professors in Jharkhand

झारखंड के कई विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी है. इसे देखते हुए घंटी आधारित प्रोफेसरों को अनुबंध पर नियुक्त किया गया है. कोरोना काल में कॉलेजों में पठन पाठन बंद है. इस दौरान उन्हें मानदेय नहीं मिला है, जिसके कारण उन्होंने राज्य सरकार को आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार ने सभी कुलपतियों को उन्हें मानदेय देने का निर्देश दिया है.

education-department-directed-to-give-honorarium-to-contracted-professors
अनुबंधित प्रोफेसरों को मिलेगा मानदेय
author img

By

Published : Oct 17, 2020, 4:45 AM IST

रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित मानदेय भुगतान की मांग को लेकर प्रोफेसरों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र के माध्यम से प्रोफेसरों को जल्द मानदेय भुगतान का निर्देश दिया गया है. उच्च तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में घंटी आधारित कार्यरत प्रोफेसरों को मानदेय जल्द से जल्द भुगतान कर दिया जाए. कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद कक्षाएं संचालित नहीं हो पाई है. इसे देखते हुए इन्हें न्यूनतम मानदेय कम से कम 30,000 रुपये दिया जाए.

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कहा गया है कि इन प्रोफेसरों से इतनी कक्षाएं जरूर ली जाए कि प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय 30,000 भुगतान हो सके. यह कक्षाएं ऑनलाइन भी हो सकती है. विश्वविद्यालय इन प्रोफेसरों के व्याख्यान ऑनलाइन भी पोस्ट करा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड के अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों को नहीं किया जाएगा विस्थापित: सुप्रीम कोर्ट

राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी को देखते हुए घंटी आधारित प्रोफेसरों को अनुबंध पर नियुक्त किया गया है, जो विद्यार्थियों के बीच पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए तत्पर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के वजह से कक्षाएं नहीं हो रही है और इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. इन प्रोफेसरों को कक्षा के आधार पर मानदेय दिया जाता है, लेकिन फिलहाल कई महीनों से इन्हें मानदेय नहीं मिला है.

रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित मानदेय भुगतान की मांग को लेकर प्रोफेसरों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र के माध्यम से प्रोफेसरों को जल्द मानदेय भुगतान का निर्देश दिया गया है. उच्च तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में घंटी आधारित कार्यरत प्रोफेसरों को मानदेय जल्द से जल्द भुगतान कर दिया जाए. कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद कक्षाएं संचालित नहीं हो पाई है. इसे देखते हुए इन्हें न्यूनतम मानदेय कम से कम 30,000 रुपये दिया जाए.

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कहा गया है कि इन प्रोफेसरों से इतनी कक्षाएं जरूर ली जाए कि प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय 30,000 भुगतान हो सके. यह कक्षाएं ऑनलाइन भी हो सकती है. विश्वविद्यालय इन प्रोफेसरों के व्याख्यान ऑनलाइन भी पोस्ट करा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड के अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों को नहीं किया जाएगा विस्थापित: सुप्रीम कोर्ट

राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी को देखते हुए घंटी आधारित प्रोफेसरों को अनुबंध पर नियुक्त किया गया है, जो विद्यार्थियों के बीच पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए तत्पर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के वजह से कक्षाएं नहीं हो रही है और इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. इन प्रोफेसरों को कक्षा के आधार पर मानदेय दिया जाता है, लेकिन फिलहाल कई महीनों से इन्हें मानदेय नहीं मिला है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.