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Jharkhand Economic Survey Report: झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में पेश,चालू वित्तीय वर्ष में विकास दर 7.8% रहने की जताई गई उम्मीद - Ranchi news

झारखंड विधानसभा में गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गयी. इस रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का विकास दर 7.8 रहने का अनुमान लगाया गया है.

Jharkhand Economic Survey Report
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Published : Mar 2, 2023, 9:37 PM IST

Updated : Mar 3, 2023, 8:01 AM IST

रांची: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य की विकास दर 8.2% रहा था. जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इसके 7.8% और वर्ष 2023-24 में 7.4% का अनुमान है. देश के विकास दर से झारखंड की तुलना की जाय तो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां देश की विकास दर 7% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. वहीं झारखंड की विकास दर 7.8% होगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के विकास दर में जहां 6 से 6.8% की सीमा में वृद्घि होगी वहीं झारखंड में 7.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

ये भी पढ़ें: Hemant Cabinet Meeting: नियोजन नीति में संशोधन, झारखंड से मैट्रिक-इंटर पास होने की बाध्यता खत्म

झारखंड में विकास का पहिया धीमा होने के संकेत मिल रहे हैं. यह हम नहीं बल्कि गुरुवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बता रहा है. गुरुवार को सदन में मूल बजट से ठीक एक दिन पहले वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश किया. इसमें जो दर्शाया गया है वह कहीं ना कहीं 2021-22 की तुलना में 2022-23 और 2023-24 में विकास दर कम होने की आशंका है. रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य की विकास दर 8.2% रहा था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022- 23 में इसके 7.8% और वर्ष 2023-24 में 7.4% का अनुमान है.

देश के विकास दर से झारखंड की तुलना की जाय तो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां देश की विकास दर 7% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है वहीं, झारखंड की 7.8% है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के विकास दर में जहां 6 से 6.8% की सीमा में वृद्धि होगी. वहीं झारखंड में 7.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. इस प्रकार से देश के सकल घरेलू उत्पाद में राज्य के जीएसडीपी का हिस्सा आने वाले वर्षों में बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.

झारखंड गठन से बजट आकार में 13 गुणा हुई वृद्धि: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य गठन के बाद पिछले 22 वर्षों में यानी वित्तीय वर्ष 2001-02 से लेकर 2021-22 के बीच झारखंड के वास्तविक बजट का आकार लगभग 13 गुना बढ़ गया है. वर्ष 2001-02 में राज्य के बजट का आकार जीएसडीपी का लगभग 17% था जो 2015-16 जाते-जाते जीएसडीपी का 26.3% हो गया. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गरीबी में कमी आई है. वर्ष 2015-16 और 2019-21 के बीच झारखंड में गरीबी लगभग 13% कम हो गया है. 2019- 21 के बीच गरीबों का प्रतिशत घटकर राज्य में 36.6 प्रतिशत, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 42.2% और शहरी क्षेत्रों में 11.1% है.

राज्य में महंगाई की करें तो मुद्रास्फीति की दर वर्ष 2021 के दौरान नई मौद्रिक नीति ढांचे में निर्धारित कर के भीतर रही, लेकिन वर्ष 2022 में इस स्तर को पार कर गई वर्ष 2022 में मुद्रास्फीति की दर जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक सबसे ऊपर रही. आरबीआई की निर्धारित ऊपरी सीमा जो 6% से ऊपर बनी हुई है. इस वर्ष के पिछले 2 महीनों में 6% से थोड़ी सी कम रही है. झारखंड में पिछले डेढ़ साल यानी अगस्त 2021 से दिसंबर 2022 के दौरान अन्य वस्तु समूह के तुलना में ईंधन, कपड़े, जूतों की कीमतों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई. इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार राज्य की घाटे की स्थिति पर नजर दौड़ायें तो वर्ष 2021-22 में यह जीएसडीपी का 0.76% था चालू वित्तीय वर्ष में 2022- 23 में यह जीएसडीपी का 2.81% रहने का अनुमान है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज, शहरी विकास ,कृषि और संबद्ध सेवाएं, खाद्य और पोषण सुरक्षा, उद्योग, आधारभूत संरचना और संचार, श्रम और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, पेयजल एवं स्वच्छता, महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा, आदिवासी कल्याण, पर्यटन कला खेल संस्कृति, प्राकृतिक संसाधन आदि पर पूरी विस्तृत रिपोर्ट दी गई है.

रांची: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य की विकास दर 8.2% रहा था. जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इसके 7.8% और वर्ष 2023-24 में 7.4% का अनुमान है. देश के विकास दर से झारखंड की तुलना की जाय तो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां देश की विकास दर 7% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. वहीं झारखंड की विकास दर 7.8% होगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के विकास दर में जहां 6 से 6.8% की सीमा में वृद्घि होगी वहीं झारखंड में 7.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

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झारखंड में विकास का पहिया धीमा होने के संकेत मिल रहे हैं. यह हम नहीं बल्कि गुरुवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बता रहा है. गुरुवार को सदन में मूल बजट से ठीक एक दिन पहले वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश किया. इसमें जो दर्शाया गया है वह कहीं ना कहीं 2021-22 की तुलना में 2022-23 और 2023-24 में विकास दर कम होने की आशंका है. रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य की विकास दर 8.2% रहा था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022- 23 में इसके 7.8% और वर्ष 2023-24 में 7.4% का अनुमान है.

देश के विकास दर से झारखंड की तुलना की जाय तो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां देश की विकास दर 7% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है वहीं, झारखंड की 7.8% है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के विकास दर में जहां 6 से 6.8% की सीमा में वृद्धि होगी. वहीं झारखंड में 7.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. इस प्रकार से देश के सकल घरेलू उत्पाद में राज्य के जीएसडीपी का हिस्सा आने वाले वर्षों में बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.

झारखंड गठन से बजट आकार में 13 गुणा हुई वृद्धि: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य गठन के बाद पिछले 22 वर्षों में यानी वित्तीय वर्ष 2001-02 से लेकर 2021-22 के बीच झारखंड के वास्तविक बजट का आकार लगभग 13 गुना बढ़ गया है. वर्ष 2001-02 में राज्य के बजट का आकार जीएसडीपी का लगभग 17% था जो 2015-16 जाते-जाते जीएसडीपी का 26.3% हो गया. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गरीबी में कमी आई है. वर्ष 2015-16 और 2019-21 के बीच झारखंड में गरीबी लगभग 13% कम हो गया है. 2019- 21 के बीच गरीबों का प्रतिशत घटकर राज्य में 36.6 प्रतिशत, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 42.2% और शहरी क्षेत्रों में 11.1% है.

राज्य में महंगाई की करें तो मुद्रास्फीति की दर वर्ष 2021 के दौरान नई मौद्रिक नीति ढांचे में निर्धारित कर के भीतर रही, लेकिन वर्ष 2022 में इस स्तर को पार कर गई वर्ष 2022 में मुद्रास्फीति की दर जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक सबसे ऊपर रही. आरबीआई की निर्धारित ऊपरी सीमा जो 6% से ऊपर बनी हुई है. इस वर्ष के पिछले 2 महीनों में 6% से थोड़ी सी कम रही है. झारखंड में पिछले डेढ़ साल यानी अगस्त 2021 से दिसंबर 2022 के दौरान अन्य वस्तु समूह के तुलना में ईंधन, कपड़े, जूतों की कीमतों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई. इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार राज्य की घाटे की स्थिति पर नजर दौड़ायें तो वर्ष 2021-22 में यह जीएसडीपी का 0.76% था चालू वित्तीय वर्ष में 2022- 23 में यह जीएसडीपी का 2.81% रहने का अनुमान है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज, शहरी विकास ,कृषि और संबद्ध सेवाएं, खाद्य और पोषण सुरक्षा, उद्योग, आधारभूत संरचना और संचार, श्रम और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, पेयजल एवं स्वच्छता, महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा, आदिवासी कल्याण, पर्यटन कला खेल संस्कृति, प्राकृतिक संसाधन आदि पर पूरी विस्तृत रिपोर्ट दी गई है.

Last Updated : Mar 3, 2023, 8:01 AM IST
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