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आपदा प्रबंधन विभाग का एसएमएस सिस्टम फेल, खराब मौसम में लोगों से घरों में रहने की अपील

झारखंड में वज्रपात (Thunderclap in Jharkhand) की घटना अधिक होती है. राज्य में पिछले दो महीने के अंदर वज्रपात से दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है. बिजली गिरने के कारण होनेवाली जानमाल को खतरे से बचने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने एसएमएस सिस्टम (SMS System) के जरिए लोगों को सचेत करने की व्यवस्था की थी, जो फेल हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्य सरकार से वज्रपात की घटना को देखते हुए एसएमएस व्यवस्था को फिर से शुरू करने की मांग की है.

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वज्रपात
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Published : Jul 15, 2021, 8:58 PM IST

रांची: झारखंड सहित देश भर में इन दिनों वज्रपात की कई घटना हुई हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ है. झारखंड वज्रपात (Thunderclap in Jharkhand) यानी बिजली गिरने के लिहाज से काफी संवेदनशील है. राज्य में हर साल वज्रपात से बड़ी संख्या में लोगों की माैत हाेती है. पिछले दो महीने के अंदर दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है.

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आपदा प्रबंधन का एसएमएस सिस्टम फ्लॉप
बिजली गिरने के कारण होनेवाली जानमाल को खतरे से बचने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 2019 में एसएमएस सिस्टम के जरिए लोगों को सचेत करने की व्यवस्था की थी, लेकिन यह सिस्टम वर्तमान समय में फेल है. नेटवर्क का सही लोकेशन नहीं होने और लोगों के द्वारा अपने स्मार्टफोन में लोकेशन एक्टीवेट नहीं करने के कारण एसएमएस पहुंचने में दिक्कत हो रही है. एसएमएस के जरिए आपदा प्रबंधन विभाग लाेगाें काे जागरूक करता था, ताकि इससे होनेवाली माैतों को राेका जा सके. माैसम विभाग करीब एक घंटा पहले आपदा प्रबंधन विभाग काे बता देता है, कि किस क्षेत्र में वज्रपात हाेने की संभावना है, जिसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग वज्रपात से पहले उस क्षेत्र के लाेगाें काे माेबाइल पर एसएमएस के जरिए इसकी सूचना देता था.

देखें पूरी खबर


माेबाइल टावर से भेजा जाता था सूचना
माैसम विभाग जैसे ही आपदा प्रबंधन विभाग काे वज्रपात के संभावित क्षेत्र की जानकारी देता था. उसे तत्काल उस इलाके के विभिन्न माेबाइल टावराें के संपर्क में माैजूद माेबाइल पर एसएमएस भेज दिया जाता था.


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मौसम खराब होने पर घर में रहने की अपील
आपदा सचिव अमिताभ कौशल ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हाल के दिनों में झारखंड सहित देश के कई राज्यों में वज्रपात की घटना हुई है, हमारा अनुरोध है, कि मौसम खराब होते ही घरों में चले जाएं, जब तक बिजली कड़कती रहती है, घरों में ही रहें. उन्होंने कहा कि एसएमएस सिस्टम में कई तरह की शिकायतें आई हैं, खासकर लोकेशन को लेकर इसे ध्यान में रखते हुए इसे दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन सबसे अच्छा तरीका यह है कि घर में ही वज्रपात या बिजली कड़कने के वक्त रहना चाहिए.



कांग्रेस ने सरकार से एसएमएस सिस्टम शुरू करने का किया आग्रह
वहीं प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्य सरकार से मानसून के दौरान होने वाले वज्रपात की घटना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा भेजी जाने वाली एसएमएस व्यवस्था को फिर से शुरू करने की मांग की है. राजेश ठाकुर ने कहा है की हाल के दिनों में झारखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों में वज्रपात की घटना बढी हैं और ऐसी स्थिति में जागरूक करने के साथ-साथ सचेत करने के उद्देश्य से शुरू की गई एसएमएस व्यवस्था को आपदा प्रबंधन जल्द से जल्द शुरू करे.

इसे भी पढे़ं: लोहरदगा में बीमारियों से ज्यादा वज्रपात से होती है लोगों की मौत, चार साल में 78 लोगों ने गंवाई जान

3 जुलाई को झारखंड में वज्रपात से 9 लोगों की मौत
झारखंड में आकाशीय बिजली गिरने से 3 जुलाई को खूंटी सहित अन्य जिलों में नौ लोगों की मौत हो गई. सबसे दुखद हादसा खूंटी के जोरको मंडाटांड में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के पांच लोगों की जान चली गई थी. ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि वज्रपात से बचने के लिए ना केवल लोग जागरूक हों, बल्कि सरकार द्वारा इसके लिए उपाय भी गंभीरता से किया जाय.

रांची: झारखंड सहित देश भर में इन दिनों वज्रपात की कई घटना हुई हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ है. झारखंड वज्रपात (Thunderclap in Jharkhand) यानी बिजली गिरने के लिहाज से काफी संवेदनशील है. राज्य में हर साल वज्रपात से बड़ी संख्या में लोगों की माैत हाेती है. पिछले दो महीने के अंदर दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है.

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आपदा प्रबंधन का एसएमएस सिस्टम फ्लॉप
बिजली गिरने के कारण होनेवाली जानमाल को खतरे से बचने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 2019 में एसएमएस सिस्टम के जरिए लोगों को सचेत करने की व्यवस्था की थी, लेकिन यह सिस्टम वर्तमान समय में फेल है. नेटवर्क का सही लोकेशन नहीं होने और लोगों के द्वारा अपने स्मार्टफोन में लोकेशन एक्टीवेट नहीं करने के कारण एसएमएस पहुंचने में दिक्कत हो रही है. एसएमएस के जरिए आपदा प्रबंधन विभाग लाेगाें काे जागरूक करता था, ताकि इससे होनेवाली माैतों को राेका जा सके. माैसम विभाग करीब एक घंटा पहले आपदा प्रबंधन विभाग काे बता देता है, कि किस क्षेत्र में वज्रपात हाेने की संभावना है, जिसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग वज्रपात से पहले उस क्षेत्र के लाेगाें काे माेबाइल पर एसएमएस के जरिए इसकी सूचना देता था.

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माेबाइल टावर से भेजा जाता था सूचना
माैसम विभाग जैसे ही आपदा प्रबंधन विभाग काे वज्रपात के संभावित क्षेत्र की जानकारी देता था. उसे तत्काल उस इलाके के विभिन्न माेबाइल टावराें के संपर्क में माैजूद माेबाइल पर एसएमएस भेज दिया जाता था.


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मौसम खराब होने पर घर में रहने की अपील
आपदा सचिव अमिताभ कौशल ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हाल के दिनों में झारखंड सहित देश के कई राज्यों में वज्रपात की घटना हुई है, हमारा अनुरोध है, कि मौसम खराब होते ही घरों में चले जाएं, जब तक बिजली कड़कती रहती है, घरों में ही रहें. उन्होंने कहा कि एसएमएस सिस्टम में कई तरह की शिकायतें आई हैं, खासकर लोकेशन को लेकर इसे ध्यान में रखते हुए इसे दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन सबसे अच्छा तरीका यह है कि घर में ही वज्रपात या बिजली कड़कने के वक्त रहना चाहिए.



कांग्रेस ने सरकार से एसएमएस सिस्टम शुरू करने का किया आग्रह
वहीं प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्य सरकार से मानसून के दौरान होने वाले वज्रपात की घटना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा भेजी जाने वाली एसएमएस व्यवस्था को फिर से शुरू करने की मांग की है. राजेश ठाकुर ने कहा है की हाल के दिनों में झारखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों में वज्रपात की घटना बढी हैं और ऐसी स्थिति में जागरूक करने के साथ-साथ सचेत करने के उद्देश्य से शुरू की गई एसएमएस व्यवस्था को आपदा प्रबंधन जल्द से जल्द शुरू करे.

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3 जुलाई को झारखंड में वज्रपात से 9 लोगों की मौत
झारखंड में आकाशीय बिजली गिरने से 3 जुलाई को खूंटी सहित अन्य जिलों में नौ लोगों की मौत हो गई. सबसे दुखद हादसा खूंटी के जोरको मंडाटांड में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के पांच लोगों की जान चली गई थी. ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि वज्रपात से बचने के लिए ना केवल लोग जागरूक हों, बल्कि सरकार द्वारा इसके लिए उपाय भी गंभीरता से किया जाय.

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