रांची: झारखंड के 13वें डीजीपी के रूप में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय सिंह अपना पदभार ग्रहण कर चुके हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद डीजीपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा राज में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. नक्सल फ्रंट पर जो बेहतरीन काम पूर्व में हुए हैं उन्हें और भी बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा ताकि झारखंड को पूरी तरह से नक्सल मुक्त किया जा सके.
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हर तरह के अपराध पर लगाम लगेगा: पदभार ग्रहण करने के बाद डीजीपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस का बेसिक काम होता है अपराध पर रोकथाम चाहे वह किसी भी तरह का अपराध क्यों ना हो, अपने सहयोगी पुलिस अधिकारियों के साथ एक टीम बनाकर हर तरह के अपराध पर नकेल कसने का काम किया जाएगा. संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ पूर्व में भी बेहतर काम हुए हैं आगे भी इसे जारी रखा जाएगा. जैसे-जैसे समस्याएं सामने आएगी उन्हें बेहतर तरीके से सुलझाने का काम पुलिस के द्वारा किया जाएगा.
पुलिस को बेहतर संसाधन उपलब्ध करवाना प्राथमिकता: आईपीएस अफसर के तौर पर अजय सिंह ने झारखंड के रामगढ़ से एएसपी के तौर पर अपना काम शुरू किया था. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद पुलिस के पास संसाधन बड़े हैं साथ-साथ मैन पावर भी अब बहुत ज्यादा है. जो संसाधन पुलिस के पास नहीं है जैसे थाना भवन और दूसरे तरह संसाधन, उन पर बेहतर काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री भी इसे लेकर कई तरह के निर्देश जारी कर चुके हैं, जिस पर अमल कर बेहतर संसाधनों से पुलिस को लैश किया जाएगा.
नक्सल फ्रंट में बेहतर काम: डीजीपी अजय कुमार सिंह के अनुसार नक्सल फ्रंट पर झारखंड में बेहतरीन काम हुआ है. उनकी जिम्मेदारी है कि उस बेहतरीन काम को और भी बेहतर तरीके से आगे अंजाम दिया जाए. इसके लिए वेल प्लान ऑपरेशन के साथ-साथ इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर बड़े अभियानों को संचालित किया जाएगा. बीजेपी के अनुसार झारखंड में नक्सलियों की धमक पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है, कोशिश यह की जाएगी कि उन्हें पूरी तरह से समाप्त किया जाए या अगर समाप्त नहीं भी कर सके तो उनके ताकत को बिल्कुल शून्य कर दिया जाए.
साइबर अपराध चुनौती हैं, नकेल कसा जाएगा: झारखंड में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है ऐसे में इस पर नकेल कसना बेहद जरूरी है. डीजीपी के अनुसार इस पर पूर्व में भी काम चल रहा है जिसमें लगातार सफलताएं हासिल हुई हैं, आगे भी इस काम को जारी रखा जाएगा इसके लिए जो भी संसाधन जरूरी हैं उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा.
कौन है अजय सिंह: 1989 बैच के आईपीएस अफसर अजय कुमार सिंह बेहद शांत और सौम्य स्वभाव के माने जाते हैं. बेहतरीन होमवर्क कर किसी भी कार्य को अंजाम देना उनकी खासियत है. डीजीपी के पद पर योगदान देने से वे पुलिस हाउसिंग के एमडी सह डीजी एसीबी भी थे.अजय कुमार सिंह राज्य में एडीजी रैंक में सीआईडी, स्पेशल ब्रांच, रेल में सेवाएं दे चुके हैं. वहीं वह हजारीबाग, धनबाद समेत कई जिलों में बतौर एसपी भी सेवाएं दे चुके हैं. अपने 32 साल के पुलिस कैरियर में डीजीपी अजय कुमार सिंह बिहार के मुजफ्फरपुर, लखीसराय, पूर्णिया, मुंगेर जैसे शहरों के एसपी भी रह चुके हैं. उनकी पहली पोस्टिंग 1991 में झारखंड के रामगढ़ जिले में हुई एएसपी के पद पर हुई थी.
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले है अजय सिंह: डीजीपी अजय सिंह उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं. 3 जनवरी 1965 को उनका जन्म हुआ था. झारखंड के रामगढ़ उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी. उसके बाद भी एसपी मुजफ्फरपुर, एसपी गोड्डा, एसपी छपरा, एसपी लखीसराय, एसपी पूर्णिया, एसपी मुंगेर, कमाडेंट बीएमपी, एसपी सीआईडी रांची, एसपी देवघर, रेल एसपी धनबाद, एसपी कोडरमा, एसपी धनबाद जैसे पदों पर विराजमान रहे. साल 2005 में डीआईजी रैंक में उन्हें प्रमोशन मिला जिसके बाद वह डीआईजी सीआईडी बने. साल 2009 में वे आईजी एचआर भी रह चुके है. इसके अलावा आईजी स्पेशल ब्रांच ,आईजी रेलवे जैसे पदों पर काम कर चुके हैं. एडीजी के तौर पर उन्होंने सीआईडी ,रेलवे, में भी काम कर चुके हैं. साल 2020 में वे रेल डीजी के तौर पर कार्यरत रहे थे.