रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी में कई ऐसे तथ्य शामिल किए गए हैं जिनका प्रैक्टिकल में अनुपालन करना बेहद कठिन है. हालांकि इस संबंध में झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने निर्देश जारी कर दिया है.
निर्देश जारी, बताया गया उद्देश्यः झारखंड के डीजीपी ने अपराध रिपोर्टिंग और मीडिया ब्रीफिंग के साथ-साथ न्यूज कवरेज को लेकर नए नियम तय किए हैं. कल 18 बिंदुओं पर डीजीपी ने कवरेज संबंधित निर्देश पुलिसकर्मियों को जारी किया है. डीजीपी की ओर से जारी निर्देश के अनुसार पुलिस विभाग को उस हद तक ही मीडिया को संबंधित सूचना समय उपलब्ध करानी हैं, ताकि अनुसंधान की प्रक्रिया बाधित न हो, पुलिस अभियान में बाधा उत्पन्न ना हो, पुलिस की सुरक्षा खतरे में ना पड़े या पीड़ित या अभियुक्त के कानूनी और मूलभूत अधिकारों का हनन न हो, अथवा राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.
क्या हैं गाइडलाइंस
- डीजीपी के द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार पुलिस मुख्यालय के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी को पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस प्रवक्ता नियुक्त किया जाएगा.
- पुलिस मुख्यालय के लिए पुलिस महानिदेशक अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता पुलिस से संबंधित जानकारियां मीडिया को दे सकेंगे.
- प्रत्येक जिला के कार्यालय में एक मीडिया सेल की शाखा होगी. जिसके प्रभारी मुख्यालय स्थित अपर पुलिस अधीक्षक या उपाधीक्षक होंगे.
- जिलों में पुलिस अधीक्षक अथवा प्रभारी मीडिया सेल शाखा की संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे. किसी भी अन्य पंक्ति के पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी को प्रेस से संवाद नहीं करना है.
- पुलिस की विभिन्न इकाई के द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली सामग्री पुलिस प्रवक्ता के द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
- पुलिस की विभिन्न इकाई के क्षेत्रीय जिला स्तरीय पदाधिकारी या समादेष्टा अपने क्षेत्राधिकार की उपलब्धि संबंधित सूचनाओं को मीडिया से साझा कर सकेंगे.
- पुलिस महानिरीक्षक अथवा पुलिस उपमहानिरीक्षक भी पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे.
- विभिन्न पदाधिकारी की ओर से दी गई जानकारी को लिखित रूप में प्रेस विज्ञप्ति के रूप में जारी किया जाएगा और सभी प्रेस विज्ञप्तियों को अभिलेख के रूप में संधारित किया जाएगा.
- पुलिस की नीतिगत सभी मामलों में केवल पुलिस महानिदेशक या उनके निर्देश पर पुलिस प्रवक्ता ही मीडिया ब्रीफिंग करेंगे.
मीडिया ब्रीफिंग का स्थान, समय और तरीका भी तय
- डीजीपी ने निर्देश दिया गया है कि मीडिया ब्रीफिंग का स्थान कार्यालय कक्ष होगा और प्रतिदिन निर्धारित समय शाम के 04:00 से 05:00 बजे के बीच निश्चित होगा.
- पुलिस से संबंधित मामलों जैसे बड़े अपराधिक या विधि व्यवस्था की घटना महत्वपूर्ण कुलसी बरामद की या उन उपलब्धि पर स्वयं एसपी प्रेस ब्रीफिंग करेंगे.
- जिला पुलिस अधीक्षक सामान्य मीडिया सेल शाखा, घटना में घटनास्थल पर थाना अथवा अन्य कार्यालय में प्रेस से संवाद कर सकते हैं.
- पुलिस अधीक्षक की प्रभारी मीडिया सेल के पदाधिकारी सिर्फ वर्दी में ही मीडिया को ब्रीफ करेंगे.
- किसी भी अपराध के दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर केवल इतनी सूचना साझा की जाएगी जो घटना के तथ्यों को प्रकट करें.
- किसी अपराध के संबंध में गुप्त या तकनीकी सूत्र को मीडिया के समक्ष प्रकट नहीं किया जाएगा, ना ही अनुसंधान की दिशा या तकनीक का खुलासा किया जाएगा.
- यौन हिंसा के पीड़ितों की पहचान नाम, चेहरा अन्य का मीडिया के सामने खुलासा नहीं किया जाएगा.
- अभियुक्त की गिरफ्तारी होने पर मीडिया को सिर्फ जानकारी दी जाएगी, उन्हें मीडिया के सामने पेश नहीं किया जाएगा.