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Ranchi News: अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्याग्रह पर बैठेंगे झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, जानिए आखिर क्या है वजह? - congress protest

सरकार के रूख से नाराज कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने अपनी ही सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके लिए वे 15 दिनों के बाद रांची के मोरहाबादी मैदान में सत्याग्रह पर बैठेंगे.

congress protest against jharkhand government
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Published : May 19, 2023, 6:32 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले हैं. उन्होंने इसकी चेतावनी दी है. मामला मॉब लिंचिंग विधेयक से जुड़ा है. दरअसल, राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार चल रही है. बावजूद इसके कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बापू प्रतिमा के सामने सत्याग्रह शुरू करने की चेतावनी दी है. शहजादा अनवर ने कहा कि अगर सरकार मॉब लिंचिंग विधेयक को जल्द ही कानून का दर्जा देने की पहल शुरू नहीं करती तो 15 दिन बाद रांची के मोरहाबादी स्थित बापू प्रतिमा के सामने वे धरना प्रदर्शन करेंगे.

यह भी पढ़ें: हेमंत सोरेन का बढ़ा कद! राष्ट्रीय राजनीति में बनाई अलग पहचान या बने जरूरत, क्या कहते हैं एक्सपर्ट

शहजादा अनवर ने कहा कि विधानसभा से पारित विधेयक को राजभवन से लौटाए हुए भी एक साल से अधिक हो गया. लेकिन सरकार ने दोबारा इसे कानून बनाने का कोई प्रयास नहीं किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि अगर राजभवन द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों को दूर कर दोबारा इसे कानून बनाने की पहल सरकार शुरू नहीं करती है तो 15 दिन बाद वे सत्याग्रह शुरू करेंगे.

'सरकार से अलग संगठन को अपनी भूमिका निभाने का अधिकार': अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्याग्रह करने के कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के अल्टीमेटम को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार में शामिल होने के बावजूद संगठन जनहित के मुद्दे उठाती रही है, यह गलत नहीं है. राकेश सिन्हा ने कहा कि मॉब लिंचिंग कानून को लेकर राज्य की जनता की एक चाहत है, राजभवन और भाजपा की वजह से एक कठोर मॉब लिंचिंग निषेध कानून नहीं बन पाया है.

झामुमो भी मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि झामुमो भी मजबूत मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में है. तत्कालीन राज्यपाल ने उसे राजभवन से लौटा दिया था, वह काफी दुखद था. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब वक्त आ गया कि भाजपा के उन्माद और नफरत की राजनीति पर नकेल लगाई जाए. इसलिए झामुमो भी एक कठोर मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में है. गौरतलब हो कि हेमंत सोरेन की सरकार ने वर्ष 2021 में विधानसभा से भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने के लिए कठोर विधेयक पास कर स्वीकृति के लिए उसे राजभवन भेजा था, लेकिन राजभवन ने कई आपत्तियों के साथ उसे वापस कर दिया था.

नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले हैं. उन्होंने इसकी चेतावनी दी है. मामला मॉब लिंचिंग विधेयक से जुड़ा है. दरअसल, राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार चल रही है. बावजूद इसके कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बापू प्रतिमा के सामने सत्याग्रह शुरू करने की चेतावनी दी है. शहजादा अनवर ने कहा कि अगर सरकार मॉब लिंचिंग विधेयक को जल्द ही कानून का दर्जा देने की पहल शुरू नहीं करती तो 15 दिन बाद रांची के मोरहाबादी स्थित बापू प्रतिमा के सामने वे धरना प्रदर्शन करेंगे.

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शहजादा अनवर ने कहा कि विधानसभा से पारित विधेयक को राजभवन से लौटाए हुए भी एक साल से अधिक हो गया. लेकिन सरकार ने दोबारा इसे कानून बनाने का कोई प्रयास नहीं किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि अगर राजभवन द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों को दूर कर दोबारा इसे कानून बनाने की पहल सरकार शुरू नहीं करती है तो 15 दिन बाद वे सत्याग्रह शुरू करेंगे.

'सरकार से अलग संगठन को अपनी भूमिका निभाने का अधिकार': अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्याग्रह करने के कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के अल्टीमेटम को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार में शामिल होने के बावजूद संगठन जनहित के मुद्दे उठाती रही है, यह गलत नहीं है. राकेश सिन्हा ने कहा कि मॉब लिंचिंग कानून को लेकर राज्य की जनता की एक चाहत है, राजभवन और भाजपा की वजह से एक कठोर मॉब लिंचिंग निषेध कानून नहीं बन पाया है.

झामुमो भी मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि झामुमो भी मजबूत मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में है. तत्कालीन राज्यपाल ने उसे राजभवन से लौटा दिया था, वह काफी दुखद था. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब वक्त आ गया कि भाजपा के उन्माद और नफरत की राजनीति पर नकेल लगाई जाए. इसलिए झामुमो भी एक कठोर मॉब लिंचिंग कानून के पक्ष में है. गौरतलब हो कि हेमंत सोरेन की सरकार ने वर्ष 2021 में विधानसभा से भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने के लिए कठोर विधेयक पास कर स्वीकृति के लिए उसे राजभवन भेजा था, लेकिन राजभवन ने कई आपत्तियों के साथ उसे वापस कर दिया था.

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