रांची: संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल से राज्यसभा सांसद सह प्रोफेसर मनोज झा ने ओम प्रकाश वाल्मीकि द्वारा लिखी कविता 'ठाकुर का कुआं' का उल्लेख किया था. सांसद की इस कविता के बाद सियासत गरमायी हुई है. वहीं झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मनोज झा के समर्थन में आगे आए हैं.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ने क्या कहा: राजेश ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों के नाम में ठाकुर शब्द नहीं जुड़ा है, वे आज आपत्ति जता रहे हैं. कहा कि मेरे नाम में ठाकुर जुड़ा है, मुझे कोई आपत्ति नहीं है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर मनोज झा ने कुछ गलत कहा होता तो सबसे पहले मैं विरोध करता क्योंकि मेरे नाम के साथ ही ठाकुर जुड़ा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ओमप्रकाश वाल्मीकि की लिखी कविता के माध्यम से प्रोफेसर मनोज झा यह कहना चाहते थे कि अहंकार रूपी 'ठाकुर' हम सबों के अंदर है जिसे मारना होगा. उन्होंने बहुत ही गंभीर बात कहीं. उसका भाव समझने की जगह राजनीति की जा रही है.
जीभ उखाड़ कर सदन की ओर उछाल देता: राजद सांसद के राज्यसभा में दिए वक्तव्य और 'ठाकुर का कुआं' कविता पढ़ने को एक जाति विशेष के लोगों का अपमान बताते हुए पहले चेतन आनंद ने इसका विरोध किया. उसके बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कह दिया कि अगर वह उस वक्त राज्यसभा में होते तो मनोज झा की जीभ उखाड़ कर सदन की ओर उछाल देते. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा विधायक नीरज बबलू और जदयू नेता संजय सिंह सहित कई नेता मनोज झा के वक्तव्य का विरोध कर रहे हैं.
लालू यादव ने मनोज झा को बताया विद्वान: 'ठाकुर का कुआं' विवाद पर राजद नेता शिवानंद तिवारी पहले ही मनोज झा के वक्तव्य को लेकर उनका समर्थन कर चुके हैं. अब लालू प्रसाद ने भी साफ कर दिया है कि मनोज झा ने कुछ भी गलत नहीं कहा है. लालू प्रसाद ने मनोज झा को विद्वान आदमी बताते हुए उनके भाषण का विरोध करने वालों के अंदर समझ में कमी की बात कही है. इस बीच ठाकुर सरनेम वाले झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी मनोज झा का समर्थन कर दिया है.