रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टी जुट गई है लेकिन अभी तक किसाी भी दल की तरफ से महागठबंधन को लेकर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने दावा किया है कि महागठबंधन को लेकर बनी असमंजस की स्थिति एक हफ्ते में साफ हो जाएगी.
21 अक्टूबर के बाद साफ होंगी तस्वीरें
अंदरूनी सूत्रों की माने तो महागठबंधन के घटक दलों की नजर महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है. दरअसल, इन दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं और 24 को नतीजे सामने आएंगे. लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में महागठबंधन के घटक दल बहुत फूंक-फूंक कर अपने कदम उठा रहे हैं.
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कांग्रेस महागठबंधन के लिए है तैयार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि कांग्रेस लोगों के बीच जाकर अपना काम कर रही है और दिखावे में विश्वास नहीं करती है. वहीं महागठबंधन के सवाल पर कहा कि जहां तक कांग्रेस की तरफ से महागठबंधन का सवाल है पार्टी पूरी तरह से सभी के साथ तालमेल बैठाकर अपने सहयोगियों के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन की तस्वीर एक हफ्ते में साफ हो जाएगी. अभी सबके साथ बैठकर इस बात पर चर्चा हो रही है कि किसे कौन सी विधानसभा सीट दी जाए ताकि महागठबंधन के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित हो सके.
जेएमएम ने लोकसभा चुनाव में किया था सेक्रीफाइस
इधर जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान से लगता है कि जेएमएम इस बार महागठबंधन के लिए किसी तरह के समझौते के मूड में नहीं है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने सैक्रिफाइस किया था और अब सैक्रिफाइस करने की बारी कांग्रेस की है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ग्राउंड रियलिटी यह है कि नेशनल पॉलिटिक्स में जेएमएम उतनी ताकतवर नहीं है लेकिन राज्य में तस्वीर दूसरी है. इस वजह से कांग्रेस पार्टी को तय करना चाहिए महागठबंधन के प्रमुख घटक के रुप में जेएमएम को किस तरह का रोल दिया जाए क्योंकि पार्टी लोकसभा चुनाव में समझौता कर चुकी है.
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जेएमएम 40 सीटों पर पेश कर रहा है दावेदारी
बता दें कि प्रदेश में जेएमएम मेजर शेयर सीट क्लेम करने के मूड में है. सूत्रों की मानें तो पार्टी मौजूदा विधानसभा की 81 सीटों की क्षमता में 40 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. वहीं कांग्रेस की तरफ से 35 सीटों पर दावा पेश किया जा रहा है, जिस पर पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी. इसके अलावा घटक दलों के हिस्से में भी कुछ सीटें जानी है. हालांकि इस फार्मूले पर अभी तक कोई मुहर नहीं लगी है लेकिन दिल्ली में इसको लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. उम्मीद की जा रही है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में होंनेवाले विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन की तस्वीर साफ हो जाएगी.