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पूर्व मंत्री बंदी उरांव के निधन पर झारखंड कांग्रेस में शोक की लहर, रामेश्वर उरांव समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

एकीकृत बिहार में योजना मंत्री रहे 90 वर्षीय बाबा बंदी उरांव का निधन हो गया. मंगलवार को झारखंड कांग्रेस ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता के अलावा कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे.

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बंदी उरांव को श्रद्धांजलि
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Published : Apr 6, 2021, 5:35 PM IST

रांची: छोटानागपुर संथाल परगना क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, एसटी आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और एकीकृत बिहार में योजना मंत्री रहे 90 वर्षीय बाबा बंदी उरांव के निधन पर झारखंड कांग्रेस ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक बंधु तिर्की, राजेश कच्छप, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, प्रदीप तुल्स्यान, जगदीश साहू, लक्ष्मण उरांव समेत तमाम नेता उनके आवास पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्प माला अर्पित की और भावभीनी श्रद्धांजलि दी. सीएम हेमंत ने भी उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने शोक संदेश में कहा बंदी उरांव के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते थे, एक पुलिस अधिकारी के रूप में वह हमारे गुरु थे, उनके लिखे गए फाइलों को पढ़कर मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला था. उन्होंने कहा कि बंदी उरांव झारखंड के ऐसे शख्सियत थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने विचारों, सिद्धांतों और आदिवासी समुदाय के हितों के लिए लगा दिया, 1980 में गिरिडीह जिले के एसपी के पद पर कार्य करते हुए बंदी उरांव ने नौकरी से त्यागपत्र देकर कार्तिक उरांव के प्रेरणा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, ग्राम सभा की अवधारणा का सृजन किया, तो वहीं दूसरी तरफ पेशा कानून को लेकर लंबा संघर्ष भी किया, भूरिया कमेटी के सदस्य के रूप में बीडी शर्मा के साथ मिलकर आदिवासी समुदाय के अधिकार और कर्तव्य के लिए उन्हें जागृत किया, झारखंड ही नहीं पूरे देश के आदिवासियों में उनकी अलग पहचान थी.

कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील
वहीं डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जीवन और जीविका दोनों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है, सामंजस्य बना कर चलना चाहिए, पिछले वर्ष जिस प्रकार से लॉकडाउन कर पूरे देश को जेल बना दिया गया था, वह तरीका सही नहीं था, भीड़ से बचना चाहिए, सामाजिक दूरी बनाते हुए मास्क लगाना चाहिए, झारखंड अन्य राज्यों की तुलना में काफी सुरक्षित है, इसके लिए झारखंड की जनता की प्रशंसा करता हूं.


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मैंने अपने अभिभावक को खोया है: गीताश्री उरांव
स्वर्गीय बंदी उरांव की बहु गीताश्री उरांव ने कहा बंदी उरांव का सपना था की पांचवी सूची, पेशा कानून और ग्राम सभा की मूल अवधारणा लागू की जाए, अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी, आदिवासी समुदाय को संविधान के तहत मिले अधिकारों और कर्तव्यों के निर्वहन के उनके अंतिम क्षण में भी बंदी उरांव की पीड़ा देखी जा सकती थी. गीताश्री उरांव ने कहा एक अभिभावक के रूप में मैंने अपने पिता को खोया है.

कांग्रेस पार्टी ने अपना एक रहनुमा खोया: बन्ना गुप्ता
मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने शोक संदेश में कहा कांग्रेस पार्टी ने अपना एक रहनुमा खो दिया है, ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय बंदी उरांव मूल्यों की राजनीति को हमेशा सर्वोपरि माना और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत बनाया, तो वहीं दूसरी तरफ आदिवासी समाज के एक मजबूत आवाज बनकर उभरे.

इसे भी पढे़ं: 7 अप्रैल से तीन दिवसीय दौरे पर मधुपुर जाएंगे डॉ रामेश्वर उरांव, महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में बनाएंगे चुनावी रणनीति


गुमला में होगी बंदी उरांव की अंत्येष्टि
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा स्वर्गीय बंदी उरांव की अंत्येष्टि बुधवार को गुमला जिला के भरनो प्रखंड में बसाह टोली के दतिया गांव में की जाएगी, 7 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे बंदी उरांव का पार्थिव शरीर कांग्रेस भवन लाया जाएगा, जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसके बाद 11:30 बजे नई विधानसभा परिसर में राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी और सड़क मार्ग द्वारा उनके पैतृक निवास गुमला ले जाया जाएगा, जहां अंत्येष्टि की जाएगी. सोमवार की रात बंदी उरांव ने रांची के इटकी रोड बगीचा टोली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

रांची: छोटानागपुर संथाल परगना क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, एसटी आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और एकीकृत बिहार में योजना मंत्री रहे 90 वर्षीय बाबा बंदी उरांव के निधन पर झारखंड कांग्रेस ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक बंधु तिर्की, राजेश कच्छप, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, प्रदीप तुल्स्यान, जगदीश साहू, लक्ष्मण उरांव समेत तमाम नेता उनके आवास पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्प माला अर्पित की और भावभीनी श्रद्धांजलि दी. सीएम हेमंत ने भी उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने शोक संदेश में कहा बंदी उरांव के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते थे, एक पुलिस अधिकारी के रूप में वह हमारे गुरु थे, उनके लिखे गए फाइलों को पढ़कर मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला था. उन्होंने कहा कि बंदी उरांव झारखंड के ऐसे शख्सियत थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने विचारों, सिद्धांतों और आदिवासी समुदाय के हितों के लिए लगा दिया, 1980 में गिरिडीह जिले के एसपी के पद पर कार्य करते हुए बंदी उरांव ने नौकरी से त्यागपत्र देकर कार्तिक उरांव के प्रेरणा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, ग्राम सभा की अवधारणा का सृजन किया, तो वहीं दूसरी तरफ पेशा कानून को लेकर लंबा संघर्ष भी किया, भूरिया कमेटी के सदस्य के रूप में बीडी शर्मा के साथ मिलकर आदिवासी समुदाय के अधिकार और कर्तव्य के लिए उन्हें जागृत किया, झारखंड ही नहीं पूरे देश के आदिवासियों में उनकी अलग पहचान थी.

कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील
वहीं डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जीवन और जीविका दोनों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है, सामंजस्य बना कर चलना चाहिए, पिछले वर्ष जिस प्रकार से लॉकडाउन कर पूरे देश को जेल बना दिया गया था, वह तरीका सही नहीं था, भीड़ से बचना चाहिए, सामाजिक दूरी बनाते हुए मास्क लगाना चाहिए, झारखंड अन्य राज्यों की तुलना में काफी सुरक्षित है, इसके लिए झारखंड की जनता की प्रशंसा करता हूं.


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मैंने अपने अभिभावक को खोया है: गीताश्री उरांव
स्वर्गीय बंदी उरांव की बहु गीताश्री उरांव ने कहा बंदी उरांव का सपना था की पांचवी सूची, पेशा कानून और ग्राम सभा की मूल अवधारणा लागू की जाए, अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी, आदिवासी समुदाय को संविधान के तहत मिले अधिकारों और कर्तव्यों के निर्वहन के उनके अंतिम क्षण में भी बंदी उरांव की पीड़ा देखी जा सकती थी. गीताश्री उरांव ने कहा एक अभिभावक के रूप में मैंने अपने पिता को खोया है.

कांग्रेस पार्टी ने अपना एक रहनुमा खोया: बन्ना गुप्ता
मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने शोक संदेश में कहा कांग्रेस पार्टी ने अपना एक रहनुमा खो दिया है, ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय बंदी उरांव मूल्यों की राजनीति को हमेशा सर्वोपरि माना और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत बनाया, तो वहीं दूसरी तरफ आदिवासी समाज के एक मजबूत आवाज बनकर उभरे.

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गुमला में होगी बंदी उरांव की अंत्येष्टि
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा स्वर्गीय बंदी उरांव की अंत्येष्टि बुधवार को गुमला जिला के भरनो प्रखंड में बसाह टोली के दतिया गांव में की जाएगी, 7 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे बंदी उरांव का पार्थिव शरीर कांग्रेस भवन लाया जाएगा, जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसके बाद 11:30 बजे नई विधानसभा परिसर में राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी और सड़क मार्ग द्वारा उनके पैतृक निवास गुमला ले जाया जाएगा, जहां अंत्येष्टि की जाएगी. सोमवार की रात बंदी उरांव ने रांची के इटकी रोड बगीचा टोली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

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